
लखनऊ । हाईकोर्ट (High Court) की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के सांसद पद (Member of Parliament) पर बने रहने के खिलाफ दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया है। अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) के मामले का हवाला देते हुए राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की गई थी। न्यायालय ने कहा कि गुजरात के सूरत कोर्ट की ओर से राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी करार दिए जाने संबंधी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट स्थगन आदेश पारित कर चुका है। लिहाजा जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं थी।
यह निर्णय न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ़ व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अशोक पाण्डेय की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। याची का कहना था कि राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी करार देते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई गई थी। दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में शीर्ष अदालत ने उक्त दोषसिद्धि के आदेश पर रोक तो लगा दी लेकिन राहुल गांधी को चुनाव लड़ने की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की।
दलील दी गई कि अफजाल अंसारी के मामले में न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने के साथ यह भी कहा था कि वह चुनाव लड़ने के योग्य है। वहीं, राहुल गांधी के मामले में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई। न्यायालय ने याचिका पर पारित अपने विस्तृत निर्णय में कहा कि जन प्रतिनिधित्व की धारा 8(3) जो दो वर्ष या अधिक की सजा पाए व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराती है। वह दोष सिद्धि के आदेश पर रोक लगने के बाद प्रभावी नहीं रह जाती। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति को सिर्फ जमानत दी जाए तो धारा 8(2) प्रभावी होती है लेकिन दोषसिद्धि पर रोक लगने के बाद इसे सम्बंधित व्यक्ति पर लागू नहीं किया जा सकता।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved