
मुम्बई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India -RBI) शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (Bi-Monthly Monetary Policy Review) में लिए गए निर्णयों की घोषणा करेगा। विशेषज्ञों ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत कटौती किए जाने की उम्मीद जताई है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि तीसरी बार रेपो रेट को स्थिर रखा जा सकता है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा (Governor Sanjay Malhotra)शुक्रवार सुबह मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन-दिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करेंगे। अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति पर एमपीसी की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। यह बैठक घटती मुद्रास्फीति, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तेज वृद्धि, डॉलर के मुकाबले रुपये के 90 के पार जाने और मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में हो रही है।
खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के बीच आरबीआई ने फरवरी से रेपो रेट में तीन किस्तों में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है। हालांकि, पिछली दो बार से रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है, लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट ने प्रमुख अल्पकालिक ऋण दर में कटौती की अतिरिक्त गुंजाइश पैदा कर दी है। आरबीआई गवर्नर ने भी पिछले महीने कहा था कि नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है।
कोई बदलाव नहीं होने की संभावना
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई ब्याज दर में यथास्थिति कायम रख सकता है क्योंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आई है जो राजकोषीय समेकन, लक्षित सार्वजनिक निवेश और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती जैसे विभिन्न सुधारों से बनी हुई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुख्य मुद्रास्फीति सरकार द्वारा निर्धारित दो प्रतिशत के निचले स्तर से नीचे बनी हुई है। इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में अपेक्षा से बेहतर 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की है।
आरबीआई पर जिम्मेदारी
सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। आरबीआई के पहली छमाही के अपेक्षा से बेहतर आंकड़ों को देखते हुए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करके बढ़ाने की भी उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी अनुमान को अक्टूबर में 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।
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