
नई दिल्ली। भारत की जिगरी दोस्त रूस इंडियन आर्मी को और अधिक फौलाद बनाना चाहता है, जिसका मुकाबल करना उसके दुश्मनों के लिए मौत से खेलने जैसा हो। भारत के 2 दिवसीय दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारतीय सेना का महाशक्तिशाली बनाने की इच्छा जाहिर की है। पुतिन ने कहा कि रूस इसके लिए भारत की नौसेना और विमानन को आधुनिक बनाने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि “आज ही मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि यह यात्रा निश्चित रूप से रूस और भारत की रणनीतिक साझेदारी को सकारात्मक रूप से मजबूत करने और नये मुकाम तक ले जाने में मदद करेगी।”
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “रूस और भारत ब्रिक्स, एससीओ और वैश्विक बहुमत वाले अन्य देशों में समान विचारधारा वाले देशों के साथ स्वतंत्र और आत्मनिर्भर विदेश नीति का संचालन कर रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र में निहित कानून के मुख्य सिद्धांत की रक्षा कर रहे हैं।” पुतिन ने कहा कि हम भारत के साथ बहुआयामी संबंध विकसित करना चाहते हैं। रूसी प्रतिनिधिमंडल केवल ऊर्जा पर चर्चा करने के लिए यहां नहीं आया है।’
पुतिन ने कहा, “…वास्तव में, रूस और भारत दीर्घकालिक व्यापारिक साझेदार हैं। व्यापार की मात्रा निरंतर गति से बढ़ रही है और पिछले तीन वर्षों में, हमने 80% तक की रिकॉर्ड वृद्धि देखी है। परिणामस्वरूप, पिछले वर्ष, रूस-भारत का व्यापार 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और बढ़ाने के अपार अवसर हैं। रूस और भारत के पास बड़े उपभोक्ता बाजार हैं…एक बार फिर, मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि महामहिम मोदी के नेतृत्व में, भारत पूर्णतः स्वतंत्र और संप्रभु नीति का पालन कर रहा है और साथ ही आर्थिक क्षेत्र में भी बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है…”
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “मैं रूस और भारत के बीच बहुआयामी आर्थिक संबंधों को गहरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा हूं। आज की बैठकों के बाद हमने भारत-रूस आर्थिक सहयोग विकसित करने के लिए एक दस्तावेज़ को अपनाया है। रूसी व्यवसाय भारत से वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में खरीदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं। मैं व्यवसायों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि रूस सभी पहलों का समर्थन करेगा।”
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “मैं रूस और भारत के बीच बहुआयामी आर्थिक संबंधों को गहरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा हूं। आज की बैठकों के बाद हमने भारत-रूस आर्थिक सहयोग विकसित करने के लिए एक दस्तावेज़ को अपनाया है। रूसी व्यवसाय भारत से वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में खरीदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं। मैं व्यवसायों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि रूस सभी पहलों का समर्थन करेगा।” उन्होंने कहा कि हम भारत, रूस और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच एक मुक्त आर्थिक क्षेत्र बनाने पर काम कर रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved