
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल (Congress MP Shashikant Senthil) ने केंद्र सरकार की ‘उड़ान योजना’ (Central Government’s ‘Udaan Scheme’) एकाधिकार और द्वयाधिकार की शिकार हो गई (Has become victim of Monopoly and Duopoly) । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ‘उड़ान योजना’ के तहत हवाई यात्रा को आसान बनाने का वादा केवल दिखावा साबित हुआ और वर्तमान इंडिगो संकट इसका उदाहरण है।
सेंथिल ने बताया कि 5 दिसंबर को इंडिगो की 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द होने और 6 दिसंबर को भी कई फ्लाइट के रद्द होने से देश की हवाई यात्रा सेवा पूरी तरह ठप हो गई है। सांसद ने इसे किसी प्राकृतिक दुर्घटना या तकनीकी विफलता के रूप में नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट समूहों को लाभ पहुंचाने की लगातार कोशिश में लगी हुई है, जिससे उद्योग और यात्रियों दोनों को गंभीर नुकसान हुआ है। पायलट की थकान रोकने के लिए बनाए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों का पालन नहीं कराना और उन्हें काम से हटाना यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। सांसद ने सवाल उठाया कि क्यों केवल कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट समूहों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरपोर्ट और संसाधन दिए जा रहे हैं, जबकि अन्य सक्षम कंपनियों को मौका नहीं दिया जाता।
शशिकांत सेंथिल ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए हुई वित्तीय नजदीकी का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस योजना को असंवैधानिक करार दे चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि इंटरग्लोब समूह ने लगभग 36 करोड़ रुपए और उसके प्रमोटर राहुल भाटिया ने करीब 20 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे, जिनमें से कई भाजपा के पास गए। सांसद ने सवाल उठाया कि क्या यही वित्तीय नजदीकी इंडिगो को नियमों से बचाने और यात्रियों की सुरक्षा को जोखिम में डालने का कारण बनी।
सेंथिल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार योग्यता और पारदर्शिता की बजाय राजनीतिक वफादारी और कॉर्पोरेट गठजोड़ को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि यही नीति न केवल विमानन बल्कि दूरसंचार, पोर्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमेंट जैसे उद्योगों में भी दोहराई जा रही है। सांसद ने सवाल किया कि पिछले 11 वर्षों में भाजपा ने विमानन क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने की बजाय इसे डुओपॉली में क्यों सीमित किया? डीजीसीए क्यों विफल रहा कि इंडिगो ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों का पालन नहीं किया?
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