
नई दिल्ली: भारत में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है. कैंसर के मामले में विश्व में भारत का तीसरा स्थान है. लोकसभा में सरकार ने पेश किए चिंताजनक आंकड़े पेश किए हैं. अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी (IARC) के मुताबिक, भारत में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,13,316 है (98.5 प्रति 1,00,000 की दर), जो चीन (48,24,703 मामले, 201.6 प्रति 1,00,000) और संयुक्त राज्य अमेरिका (23,80,189 मामले, 367 प्रति 1,00,000) के बाद दुनिया में तीसरी सबसे अधिक है.
भारत में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. सरकार ने संसद में डेटा पेश किया है उसके मुताबिक, 2020 में देश में अनुमानित 13.92 लाख कैंसर के मामले थे, जो 2024 में बढ़कर 15.33 लाख हो गए हैं. यानी सिर्फ़ पांच वर्षों में ही मामलों में दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
राज्यवार विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में प्रतिशत वृद्धि सबसे तेज़ है, जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे बड़े राज्यों में मरीजों की कुल संख्या ज़्यादा है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दमन में कैंसर मामलों में 39.51% की बढ़त हुई. इसके अलावा दादरा एवं नगर हवेली (30.09%), सिक्किम (26.06%), लक्षद्वीप (18.52%) और मणिपुर (18.48%) में भी तेज़ उछाल देखा गया. दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू सेवन, प्रदूषण और जीवनशैली से जुड़े कारक इस बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
जनसंख्या के लिहाज़ से सबसे ज़्यादा मरीज उत्तर प्रदेश (2.21 लाख), महाराष्ट्र (1.27 लाख), पश्चिम बंगाल (1.18 लाख) और बिहार (1.15 लाख) में दर्ज किए गए. इन राज्यों में प्रतिशत वृद्धि कम दिख सकती है, लेकिन कुल संख्या बहुत बड़ी है.
साल-दर-साल बढ़ोतरी
2020 से 2024 तक भारत में कैंसर मामलों का साल-दर-साल बढ़ना इस प्रकार रहा: • 2020: 13,92,179 • 2021: 14,26,447 • 2022: 14,61,427 • 2023: 14,96,972 • 2024: 15,33,055 हर साल लगभग लाखों नए मरीज जुड़ रहे हैं.
ICMR के अनुसार, मामलों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं. जीवनशैली में बदलाव, तंबाकू और शराब का बढ़ता सेवन, बुजुर्ग आबादी में वृद्धि और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ने से अधिक रिपोर्टिंग हुई है. शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण भी बड़ी चुनौती बन गया है.
भारत में कैंसर तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है. इसके रोकथाम, स्क्रीनिंग और इलाज के लिए व्यापक रणनीति की जरूरत है. आने वाले सालों में कैंसर के मामलों में और बढ़ोतरी हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार, जीवनशैली सुधार और तंबाकू नियंत्रण पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved