
नई दिल्ली । रामपुर की जेल में बंद समाजवादी पार्टीत्(Samajwadi Party) के नेता आजम खां की तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद जिला अस्पताल से दो डॉक्टर उनकी जांच के लिए जेल पहुंचे, लेकिन आजम ने जांच कराने से इनकार कर दिया है। ऐसे में दोनों डॉक्टरों को वापस लौटना पड़ा है। इससे पहले उनकी पत्नी और परिवार के सदस्य भी मिलने पहुंचे तो आजम खां ने मिलने से इनकार कर दिया था। इसे लेकर जेल प्रशासन(prison administration) की तरफ से कोई बयान तो नहीं आया है लेकिन अफसरों के हाथ पैर जरूर फूल गए हैं। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो पैन कार्ड(PAN card) मामले में सात साल की सजा के बाद यहां भेजा गया है। तीन दिन पहले ही अब्दुल्ला को दो पासपोर्ट(Passport) के मामले में भी सात साल की सजा हो गई।
दरअसल कुछ दिनों के लिए ही जेल से बाहर आने के बाद भी आजम खां की तबीयत ठीक नहीं थी। उनका लगातार इलाज चल रहा है। रामपुर से दिल्ली के अस्पताल में वह इलाज के लिए भी गए थे। इसी को देखते हुए जेल प्रशासन भी उनकी सेहत को लेकर लगातार सतर्क है। समय-समय पर प्रशिक्षण के साथ दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को जिला अस्पताल से जनरल फिजीशियन डा. हसीब और सर्जन डा. आरिफ रसूल जिला कारागार में आजम खां का स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंचे थे। मगर आजम ने उनको दिखाने से इनकार कर दिया। आखिर में दोनों चिकित्सक वापस लौट आए। एक दिन पहले नेत्र सर्जन ने आजम की आंखों की जांच जरूर की थी।
मालूम हो कि वर्ष 2017 में सपा नेता आजम खां ने प्रेस कांफ्रेंस की थी, इस दौरान सेना पर विवादित बयान देने का आरोप लगा था। इस मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने आजम खां के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने बाद विवेचना आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था। इस केस का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट शोभित बंसल की अदालत में चल रहा है। जहां दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। अदालत ने फैसले के लिए 11 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है।
सजा बढ़वाने के लिए दाखिल हो चुकी है अपील
वहीं, एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट से आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पिछले दिनों सात साल की सजा हुई थी। इस मामले में अभियोजन पत्र अब सजा बढ़वाने के लिए अपील दाखिल कर चुका है। एडीजीसी सीमा सिंह राणा का कहना है कि इस मामले में 23 दिसंबर को सुनवाई होगी।
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