
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) द्वारा तीन बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी मिलने की संभावना है. इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ (Pujya Bapu Rural Employment Scheme) करना शामिल है. इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा विधेयक और उच्च शिक्षा विधेयक को भी कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA)’ का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ किए जाने की संभावना है. महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA), एक इंडियन लेबर लॉ और सोशल सिक्योरिटी उपाय है, जिसका मकसद ‘काम करने के अधिकार’ की गारंटी देना है. इसे शुरू में नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005 कहा जाता था.
यह स्कीम एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है, जिसका मकसद ग्रामीण परिवारों की रोजी-रोटी की सिक्योरिटी को बेहतर बनाना है. इसके लिए हर उस घर को एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 100 दिन की गारंटी वाली नौकरी दी जाती है, जिसके बड़े सदस्य अपनी मर्ज़ी से अनस्किल्ड मैनुअल लेबर करते हैं.
MGNREGA दुनिया के सबसे बड़े वर्क गारंटी प्रोग्राम में से एक है, जिसे 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुरू किया था. 2022-23 तक, MGNREGA के तहत 15.4 करोड़ एक्टिव वर्कर हैं. इस योजना का मकसद अधिकारों पर आधारित फ्रेमवर्क के ज़रिए पुरानी गरीबी की वजहों को दूर करना है. बेनिफिशियरी में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए.
MGNREGA के डिज़ाइन का सबसे ज़रूरी हिस्सा यह है कि यह किसी भी ग्रामीण बड़े व्यक्ति को काम मांगने के 15 दिनों के अंदर काम दिलाने की कानूनी गारंटी देता है, और ऐसा न करने पर ‘बेरोज़गारी भत्ता’ दिया जाना चाहिए. इन कामों की प्लानिंग और उन्हें लागू करने में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को अहम भूमिका देकर डीसेंट्रलाइज़ेशन की प्रक्रिया को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया. यह एक्ट ग्राम सभाओं को किए जाने वाले कामों की सिफारिश करने का अधिकार देता है और कम से कम 50% काम उन्हें ही करने होंगे.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved