
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) एक बार फिर चर्चाओं में हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस लोकसभा सांसदों की बैठक (Congress Lok Sabha MPs meeting) में तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर नहीं आए। हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक थरूर ने अपनी गैरमौजूदगी के बारे में पहले ही बता दिया था। थरूर के अलावा कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता-चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी भी बैठक में शामिल नहीं हुए।
थरूर की सोशल मीडिया एक्स टाइमलाइन के मुताबिक वे बीती रात कोलकाता में प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद थे। हालांकि पहली बार नहीं है जब थारूर की पार्टी की अहम बैठकों से अनुपस्थिति चर्चा में आई है। इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने 1 दिसंबर को आयोजित पार्टी की रणनीतिक समूह की बैठक जानबूझकर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने बताया था कि उस समय वे केरल से लौट रहे विमान में थे। उन्होंने कहा था, “मैंने बैठक नहीं छोड़ी; मैं केरल से आ रहा था और विमान में था।”
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई उस बैठक में पार्टी की शीतकालीन सत्र की रणनीति पर चर्चा होनी थी। थरूर की अनुपस्थिति पर राजनीतिक हलकों में चर्चा हुई थी, क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से एसआईआर (विशेष गहन संशोधन ) पर हुई पार्टी बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। थरूर के ऑफिस के मुताबिक, सांसद अपनी 90 साल की मां के साथ फ्लाइट से यात्रा कर रहे थे, जिससे उनके लिए समय पर दिल्ली पहुंचना नामुमकिन हो गया। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल केरल में स्थानीय निकाय चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो सके।
हाल ही में थरूर पर तब भी नजरें टिकीं जब वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित राज्य भोज में एकमात्र कांग्रेस नेता के रूप में आमंत्रित थे। जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हल्का तंज कसते हुए कहा था कि हर किसी का जमीर बोलता है। जब मेरे नेता नहीं बुलाए जाते और मैं बुलाया जाता हूं, तो समझना चाहिए कि खेल क्यों और कौन खेल रहा है। और हमें इसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की जरूरी बैठकों से शशि थरूर का बार-बार गायब रहना कांग्रेस में चर्चा का विषय बन गया है।
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