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110 करोड़ का बस टर्मिनल पड़ा प्राधिकरण के गले

December 17, 2025

  • संचालन-संधारण के लिए अभी तक कोई ठेकेदार नहीं मिला, अब नियम शर्तों में कुछ संशोधन करेंगे
  • पांचवीं बार बुलाएंगे टेंडर

 

इंदौर। प्राधिकरण ने जोर-शोर से एयरपोर्ट की तर्ज पर आधुनिक और विशाल आईएसबीटी यानी इंटर स्टेट बस टर्मिनल तो बना लिया, मगर उसका संचालन-संधारण करने वाला ठेकेदार नहीं मिल रहा है और बीते 6 माह से तैयार पड़े बस टर्मिनल का कोई उपयोग ही बसों के संचालन के लिए नहीं हो पा रहा है। कुमेर्डी, एमआर-10 पर प्राधिकरण ने इस बस टर्मिनल के निर्माण पर 110 करोड़ रुपए की राशि अब तक खर्च कर दी है और चार बार संचालन के टेंडर भी बुलाए, जिसमें कोई भी उपयुक्त फर्म नहीं मिल सकी, जिसके चलते अब नियम और शर्तों में कुछ संशोधन के साथ पांचवीं बार टेंडर बुलाने का निर्णय लिया गया है, जिसकी तैयारी की जा रही है।

प्राधिकरण ने एक और बस टर्मिनल नायता मुंडला में बनाया है, जो कि आरटीओ दफ्तर के पास भी है। लम्बे समय तक इसका संचालन भी ठप रहा। इसके बाद एआईसीटीएसएल को सौंपा गया। मगर अभी भी सभी बसों का संचालन यहां से शुरू नहीं हो पाया है। दूसरी तरफ शासन स्तर पर जो रोडवेज की तर्ज पर परिवहन सेवा शुरू की जाना है उसमें एआईसीटीएसएल भी उसी कम्पनी में मर्ज हो जाएगा, यानी नायतामुंडला का बस टर्मिनल परिवहन कम्पनी के अधीन होगा। हालांकि इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि कुमेडी वाला बस टर्मिनल भी कम्पनी ले ले।


मगर प्राधिकरण सीधे कम्पनी को इसे दे नहीं सकता। बदले में खर्च की गई राशि या उतनी जमीन शासन को देना पड़ेगी। यही कारण है कि प्राधिकरण लगातार टेंडर बुलाकर इसे ठेके पर देने के प्रयास करता रहा है, मगर चार बार बुलाए टेंडर में एक भी उपयुक्त कम्पनी बस टर्मिनल संचालन के लिए नहीं मिल सकी और फिलहाल तो 110 करोड़ रुपए का यह बस टर्मिनल प्राधिकरण के गले पड़ा है और उसका संचालन किस तरह किया जाए यह समझ नहीं आ रहा। यही कारण है कि नियमों-शर्तों में कुछ संशोधन के साथ पांचवीं बार टेंडर बुलाने की तैयारी की जा रही है। बोर्ड में इसे रखकर मंजूरी ली जाएगी और उसके बाद टेंडर जारी करेंगे। दरअसल, इस तरह के बस टर्मिनल का संचालन करने वाली देश में गिनी-चुनी कम्पनियां ही हैं। अलबत्ता एयरपोर्ट का संचालन अडानी, रिलायंस सहित कई बड़ी निजी कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है। प्राधिकरण भी प्रयास में है कि ऐसी ही कोई कम्पनी मिल जाए, क्योंक सिंहस्थ के मद्देनजर यह बस टर्मिनल अत्यंत उपयोगी है, जहां से उज्जैन-भोपाल सहित अन्य शहरों और उसके बाद फिर राज्यों के लिए भी बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। 1400 बसों की क्षमता के अलावा एयरपोर्ट की तरह की यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं यहां मिलेंगी।

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