
इंदौर। नए साल में मालवा निमाड़ के किसानों को नई सौगात मिलने जा रही है । इस साल के अंत में कृषि अनुसंधान की तर्ज पर 30 दिसम्बर की सुबह लगभग 10 .30 बजे वन विज्ञान केंद्र की शुरुआत होने जा रही है। इस वन विज्ञान केंद्र का शुभारंभ देहरादून ,भोपाल, इंदौर के आईएफएस अधिकारियों और वैज्ञानिकों की मौजूदगी में वन पर्यावरण राज्य मंत्री करेंगे।
इस वन विज्ञान केंद्र की स्थापना नवलखा रिंग रोड एरिया में आईटी पार्क में की जा रही है। वन विभाग की नर्सरी में सागवान, शीशम, अंजम, पीपल, जामुन और नीम जैसे लगभग 20 से ज्यादा प्रजातियों ज्यादा के पौधे तैयार किए जाते हैं। डीएफओ प्रदीप मिश्र के अनुसार विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को जंगल से जोडा जाएगा। इन किसानों को यह बताएंगे कि वन सम्पदा संबन्धित कौन-कौन सी ऐसी प्रजातियां है जो कम समय या कुछ सालों में ही तैयार हो जाती है , उन्हें किसान बेच कर अपनी आय मतलब आमदनी बढ़ा सकता है।
किसानों के लिए ऐसी प्रजति के पेड़-पौधे बडग़ौंदा नर्सरी में तैयार किये जाएंगे वन विज्ञान केंद्र किसानों द्वारा तैयार की गई इन वनसम्पदा सम्बन्धित औषधियां , लकडिय़ां सहित अन्य वन्य उत्पाद , बेचने के लिए स्थानीय स्तर से लेकर जिला सम्भाग और राज्य स्तर पर इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर बाजार तैयार करेगा । वन विज्ञान केंद्र का एक मात्र उद्देश्य किसानों को वन संपदा सम्बन्धित प्रजातियों के जरिये उनकी आमदनी को बढ़ाना है। मध्य प्रदेश सरकार भी पहले ही इंदौर सहित 6 नये विज्ञान केंद्र खोलने की फैसला ले चुकी है। इंदौर में इसी माह में खुलने जा रहे वन विज्ञान केंद्र का शुभारम्भ वन मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार करने जा रहे है। वन विभाग इसी तैयारियों में जुटा हुआ है।
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