नई दिल्ली। सार्वजनिक मंच पर मुस्लिम महिला (Muslim woman) का नकाब हटाने की कोशिश कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) चौतरफा घिर गए हैं। वहीं अब नीतीश की पार्टी (JDU) के साथ केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के नेता भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बचाव कर निशाने पर आ गए हैं। गुरुवार को नीतीश कुमार के बचाव में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की एक टिप्पणी को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गिरिराज सिंह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर किसी मुस्लिम नेता ने हिन्दू महिला का घुंघट उठाया होता, तो बीजेपी ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया होता।
हिजाब विवाद और बीजेपी की प्रतिक्रिया पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी से इससे बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने एक बयान में कहा, “बीजेपी से आप यही उम्मीद करोगे ना। अगर यही हरियाणा या राजस्थान में किसी हिन्दू औरत की घूंघट होती, और मैंने उतारा होता, तो बीजेपी यही कहती?”
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने कुछ गलत नहीं किया है। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को पटना में हुई घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “नीतीश कुमार जी ने कोई गलत काम नहीं किया है। अगर कोई नियुक्ति पत्र लेने जा रहा है, या जा रही है, तो क्या उसे अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए? क्या यह कोई इस्लामिक देश है? नीतीश कुमार ने एक अभिभावक की हैसियत से नकाब हटाया।” वहीं महिला द्वारा इस घटना के बाद नौकरी स्वीकार करने से इनकार किए जाने की खबरों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वो इनकार करे, या जहन्नुम में जाए। ये उसकी मर्जी है।” गिरिराज सिंह की इसी टिप्पणी पर हंगामा मच गया है।
धीरे-धीरे अपना असली रंग दिखा रहे हैं नीतीश- अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले बुधवार को भी नीतीश कुमार की आलोचना की थी। अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, “कभी धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पहचाने जाने वाले नीतीश कुमार अब धीरे-धीरे अपना असली रंग दिखा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला चिकित्सक का नकाब हटाना गलत था और इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। अब्दुल्ला ने कहा, “हमने इस तरह की घटना कई साल पहले भी देखी है। क्या आप भूल गए हैं कि महबूबा मुफ्ती ने मतदान केंद्र के अंदर एक वैध मतदाता का बुर्का कैसे हटाया था? वह कृत्य गलत था और कुमार का यह कृत्य भी गलत है।” उन्होंने कहा, “अगर मुख्यमंत्री उस मुस्लिम महिला को नियुक्ति पत्र नहीं सौंपना चाहते थे, तो वे उसे अलग रख सकते थे। लेकिन इस तरह उसका अपमान करना सरासर गलत है।”
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