
इंदौर। अमृत-2.0 के तहत लगभग 1700 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है, जिससे नर्मदा के चौथे चरण में जलूद से इंदौर और अतिरिक्त पानी मिलेगा। इसमें चार पैकेजों के तहत नगर निगम ने टेंडर बुलाए, जिसमें से तीन पैकेजों के टेंडर शासन ने निरस्त कर दिए। अभी 500 करोड़ रुपए का टेंडर एक ब्लैक लिस्टेड फर्म पुंगलिया को मिल रहा था, उसे भी शासन ने निरस्त किया, जिसके चलते नर्मदा प्रोजेक्ट द्वारा नए सिरे से टेंडर बुलाया गया है। स्मार्ट सिटी में लिए गए ठेके के चलते उक्त फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
नर्मदा का चौथा चरण 2040 के मान से तैयार किया गया, जिसमें 400 एमएलडी पानी और इंदौर को मिलेगा। इसकी जो डीपीआर तैयार की उसमें कुल राशि 2134 करोड़ बता ईगई, जिसमें 1189 करोड़ के कामकेन्द्र और राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित हैं और शेष कार्य के लिए नगर निगम लोन के जरिए करेगा। इसमें पहले पैकेज 684 करोड़ का जलूद में 1650 के नवीन इंटेकवेल, रॉ वाटर एवं क्लियर वाटर पम्पिंग, नए विद्युत, क्लियर वॉटरस्बूस्टर पम्पिंग स्टेशन और वाचू पाइंट पर 12 एमएलडी का ब्रैक प्रेशर टैंक का निर्माण करना था। इस पैकेज को शासन ने मंजूरी दी, लेकिन अभी 500 करोड़ के दूसरे पैकेज के दूसरे पैकेज को निरस्त कर दिया, जिसमें वाचू पाइंट से राऊ सर्कल तक 2200 मिमी व्यास की ग्रेविटी मैन लाइन, 2870 मीटर माइक्रो टनल निर्माण, चार स्थानों पर चैक पोस्ट और राऊ में क्लोरीनेशन सिस्टम के काम शामिल थे। नर्मदा प्रोजेक्ट के संजीव श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नए सिरे से टेंडर बुलवाए गए हैं। इसी तरह दो अन्य पैकेज के भी टेंडर, जो शासन से निरस्त हुए, उनके भी नए टेंडर आने वाले दिनों में जारी किए जाएंगे। ब्लैक लिस्टेड फर्म द्वारा ये टेंडर लिए गए थे, जिसके चलते शासन ने मंजूरी नहीं दी। विष्णु प्रकाश पुंगलिया फर्म ने स्मार्ट सिटी में काम किए गए थे और उसके बाद नर्मदा प्रोजेक्ट के भी टेंडर लेने के भी हासिल किए, मगर शासन ने इन टेंडरों को निरस्त कर दिया।
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