
नई दिल्ली । सपा सांसद धर्मेंद्र यादव (SP MP Dharmendra Yadav) ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना (Renaming MNREGA) महात्मा गांधी के प्रति भाजपा की गहरी नफरत का सबूत है (Proof of BJP’s deep hatred towards Mahatma Gandhi) ।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि भले ही मनरेगा से बापू का नाम हटा दिया गया हो, लेकिन महात्मा गांधी को भारत के लोगों के दिलों से कभी नहीं हटाया जा सकता है। सपा सांसद का यह बयान उस वक्त आया है जब गुरुवार को विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल राज्यसभा से पास हो गया। विपक्ष इस बिल के विरोध में जमकर हंगामा कर रहा है।
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत ने भारत को दुनिया भर में पहचान दिलाई है, उनका हर जगह सम्मान होता है। कोई भी नेता किसी भी देश में जाए, वे हमेशा महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि देते हैं। ऐसे में मेरी राय में एक सरकारी योजना से हमारे राष्ट्रपिता का नाम हटाना चौंकाने वाला है। यह महात्मा गांधी के प्रति भाजपा की गहरी नफरत का सबूत है। योजना से उनका नाम हटाकर भाजपा नेताओं ने अपनी नफ़रत दिखाई है। हालांकि, महात्मा गांधी को भारतीय दिलों से कभी नहीं हटाया जा सकता। बापू की विचारधारा को पूरा देश अपनाता है, उसका पालन करता है, सम्मान करता है और करता रहेगा।
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, “हमारे देश की महान हस्ती बापू महात्मा गांधी का नाम हटाने का क्या मतलब है। एक तरफ आप महात्मा गांधी के लिए प्यार जताते हैं और दूसरी तरफ आप उनका इतना अपमान करते हैं कि उनका नाम ही हटा दिया जाता है। हमें इस बात का दुख है। दूसरा, इस देश के मजदूरों के लिए कोई सुधार वास्तव में नहीं हुआ है। असलियत देखें तो और भी पाबंदियां लगा दी गई हैं। अब काम तभी होगा जब फंड मिलेगा, जबकि पहले काम तब होता था जब डिमांड होती थी। दुर्भाग्य से, इस योजना में कई कमियां हैं, और हमें इसमें जो कमियां आई हैं, उनका पूरी तरह से आकलन करने की ज़रूरत है।”
सीपीआई(एम) सांसद वी. शिवदासन ने कहा कि यह बिल असल में देश के गरीबों के हितों के खिलाफ है। मनरेगा एक्ट से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा हुआ था। उस एक्ट में लोगों को सौ दिन के काम की गारंटी दी गई थी और केंद्र सरकार राज्यों और स्थानीय अथॉरिटी को फंड देती थी। पहले, स्थानीय अथॉरिटी के पास मनरेगा मजदूरों के लिए प्रोजेक्ट बनाने का अधिकार था। इस सरकार ने वह अधिकार छीन लिया है, प्रोजेक्ट की संख्या पर लिमिट लगा दी है, और इस बिल से ‘गारंटी’ शब्द भी हटा दिया है। जब गारंटी ही हटा दी गई, तो इस बिल का क्या मकसद है? इसलिए, राम के नाम पर यह सरकार लोगों से सारा पैसा छीनने की कोशिश कर रही है।
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