
नई दिल्ली। संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने सरकार (Goverment) को सुझाव दिया है कि देश के भीतर दुर्लभ पृथ्वी खनिजों (Rare Earth Minerals) के खनन को बढ़ावा देने के लिए खनन कंपनी IREL को फंडिंग बढ़ाई जाए। आईआरईएल एक केंद्रीय कंपनी (Central Company) है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy) के तहत आती है। यह देश में एकमात्र कंपनी है, जो देश में दुर्लभ खनिजों को खनन और उनके प्रसंस्करण से जुड़ी है।
कोयला, खनन और स्टील की संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को ऐसी रणनीति बनानी चाहिए, जिससे देश में दुर्लभ खनिजों की पहचान, उनके अन्वेषण और खनन का काम हो सके और आयात पर निर्भरता कम की जा सके। रिपोर्ट में बजट में ही आईआरईएल को फंडिंग देने का प्रावधान करने का भी सुझाव दिया गया है। दुर्लभ खनिज वे तत्व हैं, जो धरती पर बेहद दुर्लभ हैं और अक्षय ऊर्जा उत्पादन, पवन ऊर्जा, हाइब्रिड कार उत्पादन, इलेक्ट्रिक मोटर, सौर ऊर्जा बनाने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि खनन मंत्रालय को दुर्लभ खनिजों की प्रोसेसिंग की अहम तकनीक के ट्रांसफर के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाना चाहिए।
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