
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने चुनाव आयोग (Election Commission) पर निशाना साधते हुए सोमवार (22 दिसंबर 2025) को आरोप लगाया कि राज्य में वोटर लिस्ट (Voter List) की अब तक की गई विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया में काफी खामियां हैं. नेताजी इनडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक में बंगाल की सीएम ने कहा कि चुनाव आयोग राज्य सरकार को सूचिन किए बिना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर रहा है और बीजेपी के हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग केवल बीजेपी के निर्देशों पर काम कर रहा है, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान निष्क्रिय रहने वाले तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ टीएमसी चीफ ने दावा किया कि एसआईआर सुनवाई के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए केंद्रीय अधिकारियों को स्थानीय भाषा का बहुत कम ज्ञान है और वे एसआईआर प्रक्रिया के दूसरे चरण के दौरान वेरिफिकेशन करने के लिए अयोग्य हैं.
‘टीएमसी चीफ ने कहा, ‘बीजेपी करीब 1.5 करोड़ मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश कर रही है, जो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने जैसा है. वर्धमान जिले में दूसरे राज्यों, खासकर बिहार से बाइकें लाई जा रही हैं और चुनाव के लिए बाहरी लोगों को लाने की कोशिश हो रही है. ‘
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘ये लोकतंत्र को नष्ट करना चाहते हैं. क्या मतुआ और आदिवासी समुदाय के लोग अब वोट नहीं दे पाएंगे? ये लोग दो महीने में वो काम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें दो साल लगने चाहिए. बीजेपी ने सभी एजेंसियों को अपना एजेंट बना लिया है. परिसीमन के बाद अब 144 वार्ड रह गए हैं. क्या ज्ञानेश कुमार के अधिकारियों ने इस बारे में सोचा है? क्या बीएलओ को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है?’
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