
नई दिल्ली। भारतीय विमानन क्षेत्र (Aviation Sector) में लंबे समय से एक ही नाम का सिक्का चल रहा था—इंडिगो (Indigo)। लेकिन हालिया संकट, उड़ानों की देरी और यात्री असंतोष ने यह साफ कर दिया कि भारत (India) के आसमान को अब और अधिक विकल्पों की जरूरत है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अब तीन नई एयरलाइंस—शंख एयर (Shankh Air), अल हिन्द एयर (Al Hind Air) और फ्लाई एक्सप्रेस (Fly Express)—मैदान में उतरने को तैयार हैं।
संकट से मिला बदलाव का संकेत
पिछले कुछ समय में देश के बड़े एयरपोर्ट्स (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु) पर यात्रियों का जो हाल हुआ, उसने एयरलाइन इंडस्ट्री की कमियों को उजागर कर दिया। स्टाफ की किल्लत और DGCA के कड़े नियमों के बीच जब दिग्गज कंपनी इंडिगो के पहिये डगमगाए, तो सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल हुईं। घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों के गुस्से ने इस बहस को जन्म दिया कि क्या भारत में एक ही कंपनी का एकाधिकार (Monopoly) होना सही है?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अब इसी एकाधिकार को तोड़ने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए तीन नई कंपनियों को हरी झंडी दे दी है।
शंख एयर: यूपी के शहरों को मिलेगी नई उड़ान- इन तीनों में सबसे ज्यादा चर्चा शंख एयरलाइन की है। उत्तर प्रदेश पर केंद्रित यह एयरलाइन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी (Regional Connectivity) के नजरिए से गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
मुख्य केंद्र: लखनऊ
प्रस्तावित रूट: यह एयरलाइन शुरुआत में लखनऊ से वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, चित्रकूट, इंदौर और देहरादून जैसे शहरों को जोड़ेगी।
लक्ष्य: ‘उड़ान’ योजना के तहत छोटे शहरों के आम आदमी को किफायती और सुलभ हवाई यात्रा मुहैया कराना।
यात्रियों को क्या होगा फायदा?
नए खिलाड़ियों के आने से न केवल फ्लाइट्स के विकल्प बढ़ेंगे, बल्कि किराए में भी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।
कम होगा दबाव: बड़ी कंपनियों पर से यात्रियों का लोड कम होगा, जिससे देरी और कैंसिलेशन की समस्या घटेगी।
बेहतर सर्विस: जब बाजार में विकल्प ज्यादा होते हैं, तो कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनी सेवाओं में सुधार करती हैं।
छोटे शहरों की पहुंच: शंख एयर जैसी कंपनियों से उन शहरों को सीधा फायदा होगा जो अब तक मुख्य हवाई नेटवर्क से कटे हुए थे।
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