
नई दिल्ली: जब दुनिया (World) का बड़ा हिस्सा सो रहा था, उसी दौरान भारत (India) ने चुपचाप अपनी रणनीतिक और परमाणु ताकत (Nuclear Power) का दमखम दिखा दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने बंगाल की खाड़ी में समुद्र से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) के तट से दूर उस इलाके में किया गया, जिसके लिए पहले ही समुद्री नोटिस जारी किया गया था. तय किया गया परीक्षण क्षेत्र करीब 3,240 किलोमीटर तक फैला हुआ था.
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक मिसाइल के नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह परीक्षण K-4 SLBM का हो सकता है. संभावना है कि मिसाइल को स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत से लॉन्च किया गया. कुछ चर्चाएं अगली पीढ़ी की K-5 मिसाइल को लेकर भी हुईं, लेकिन जिस दूरी के लिए नोटिस जारी किया गया था और पहले के परीक्षणों को देखते हुए K-4 ही सबसे संभावित विकल्प माना जा रहा है. यह लॉन्च 23 दिसंबर की सुबह हुआ है.
भारत का SLBM परीक्षण कार्यक्रम पिछले कुछ सालों में लगातार आगे बढ़ा है. 2024 में भी भारत ने K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जिसने देश की सेकेंड स्ट्राइक क्षमता को काफी मजबूत किया. K-4 मिसाइल भारत की समुद्र आधारित परमाणु शक्ति की रीढ़ मानी जाती है. यह मिसाइल समुद्र के भीतर छिपकर दागी जा सकती है, जिससे दुश्मन के लिए इसे पहचानना और रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है.
हर सफल परीक्षण न सिर्फ मिसाइल और पनडुब्बी की क्षमता साबित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत का कमांड, कंट्रोल और कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह तैयार और भरोसेमंद है. यह ताजा SLBM परीक्षण भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक नीति के तहत एक मजबूत संदेश है कि भारत की रणनीतिक ताकत हर वक्त, हर हाल और हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है.
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