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MP: इंदौर की कंपनी से अमेरिकी जालसाजों ने उड़ाए 3.72 करोड़, स्टेट साइबर सेल ने दिलाए वापस

December 25, 2025

इंदौर। इंदौर की स्टेट साइबर सेल (Indore State Cyber ​​Cell) ने एक कंपनी से 3.72 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय ठगी (International fraud) को नाकाम कर दिया है। कंपनी को अमेरिका के एक वेंडर को भुगतान करना था, लेकिन अमेरिकी साइबर ठगों (American cyber fraudsters) ने फर्जी ईमेल भेजकर रकम अमेरिका के एक संदिग्ध बैंक खाते में ट्रांसफर करा ली। जब ठगों ने दोबारा पैसे मांगे तो कंपनी को संदेह हुआ। कंपनी की ओर से साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई। जानें कैसे फ्रीज करा ली गई पूरी रकम…


बताया जाता है कि यह पूरी घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। ठगों ने अमेरिका तक अपना जाल बिछाया था, लेकिन इंदौर साइबर सेल की तत्परता ने इसे नाकाम कर दिया गया।बताया जाता है कि कंपनी को अमेरिका के ह्यूस्टन में स्थित अपने वेंडर को व्यापारिक लेन-देन के तहत करीब 3.72 करोड़ रुपये भेजने थे। कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया शुरू की थी। उसे अंदाजा नहीं था कि साइबर अपराधी उसकी गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।

ठगों ने ‘बिजनेस ईमेल कंप्रोमाइज’ (BEC) तकनीक की मदद से कंपनी के वेंडर की ईमेल आईडी से मिलती-जुलती एक ‘स्पूफ’ ईमेल आईडी बनाई। यह जाली ईमेल आईडी देखने में इतनी असली थी कि कंपनी के कर्मचारी भी धोखा खा गए। ठगों ने इस फर्जी आईडी से ईमेल भेजकर बैंक डिटेल्स बदल दीं और पैसे अमेरिका के एक बैंक के संदिग्ध खाते में मंगवा लिए। कंपनी ने बिना संदेह किए करोड़ों रुपये बताए खाते में भेज दिए।

लेकिन ठगों की लालच ने उनकी पूरी प्लानिंग ध्वस्त कर दी। ठगों ने एक और स्पूफ ईमेल भेजा और दावा किया कि पिछला भुगतान तकनीकी कारणों से ‘रिजेक्ट’ हो गया है इसलिए एक दूसरे बैंक अकाउंट में दोबारा पैसे भेजे जाएं। बार-बार पैसों की मांग और भुगतान फेल होने की बात सुनकर कंपनी प्रबंधन को संदेह हुआ। कंपनी प्रबंधन ने अपने अमेरिकी वेंडर को फोन लगाया। वेंडर ने जैसे ही बताया कि उन्हें एक रुपया भी नहीं मिला है तो कंपनी के होश उड़ गए।

इंदौर स्टेट साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई। टीआई दिनेश वर्मा और उनकी टीम ने इसे एक बड़ी चुनौती के रूप में लिया। इंदौर पुलिस ने भारतीय साइबर पोर्टल के माध्यम से सीधे अमेरिका के साइबर अधिकारियों से संपर्क साधा। डिजिटल सबूतों के आधार पर अमेरिका के बैंक से संदिग्ध खाते को ढूंढ लिया गया। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों की मदद से पूरी राशि फ्रीज कर दी गई।

लगातार कानूनी प्रक्रियाओं और बेहतरीन कोऑर्डिनेशन की वजह से आखिरकार पूरी रकम इंदौर की कंपनी को सुरक्षित वापस मिल गई। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ईमेल पर आने वाली बैंक डिटेल्स की पुष्टि हमेशा फोन पर जरूर करें क्योंकि डिजिटल दुनिया में एक छोटी सी लापरवाही भी करोड़ों का नुकसान करा सकती है। रकम को वापस दिलाए जाने की इस घटना को इंदौर स्टेट साइबर सेल की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

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