ढाका। बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई विद्रोह के नेता शरीफ उस्मान हादी (Sharif Usman Hadi) की हत्या के बाद से हालात काफी खराब हैं। एक बार फिर से हिंसा के दौर की शुरुआत हो गई। अब हादी के भाई ने मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि यह हत्या सत्ता में बैठे लोगों ने आने वाले आम चुनाव का पटरी से उतारने के लिए करवाई थी। हादी के भाई ने यूनुस को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका हश्र भी शेख हसीना जैसा होगा और बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ेगा।
जाने-माने छात्र नेता और इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी को ढाका में एक मस्जिद से बाहर निकलते समय गोली मार दी गई थी और कुछ दिनों बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिससे बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है। बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट ‘द डेली स्टार’ ने उमर हादी के हवाले से सरकार को संबोधित करते हुए कहा, “यह आप ही हैं जिन्होंने उस्मान हादी की हत्या करवाई, और अब आप इसे एक मुद्दा बनाकर चुनाव को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
शरीफ उमर हादी ने ढाका के शाहबाग में नेशनल म्यूजियम के सामने इंकलाब मंच द्वारा आयोजित ‘शहीदी शपथ’ कार्यक्रम में भाषण देते हुए आरोप लगाया कि सरकार के अंदर ही एक गुट ने आने वाले नेशनल चुनाव को पटरी से उतारने के लिए यह हत्या करवाई। 32 साल का हादी 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार भी था।
नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए, उमर हादी ने कहा कि अगर उनके भाई के हत्यारों पर जल्दी मुकदमा नहीं चलाया गया, तो उनका भी शेख हसीना जैसा हश्र होगा। उमर ने कहा, “हत्यारों पर जल्दी मुकदमा चलाएं ताकि चुनाव का माहौल खराब न हो। सरकार हमारे सामने कोई ठोस प्रगति पेश करने में नाकाम रही है। अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला, तो एक दिन आपको भी बांग्लादेश से भागने पर मजबूर होना पड़ेगा।”
हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा
बता दें कि पिछले साल जब शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बांग्लादेश में बड़ा आंदोलन हुआ था, तब उस्मान हादी नेतृत्व कर रहा था। वह भारत विरोधी बयानों के लिए जाना जाता था और पिछले दिनों उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस्मान हादी के भाई ने आगे दावा किया कि हादी को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने किसी भी एजेंसी या विदेशी आकाओं के सामने घुटने नहीं टेके। हादी की मौत से बांग्लादेश में भारी गुस्सा भड़क गया, 18 दिसंबर को उसकी मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा करने लगे, इमारतों में तोड़फोड़ की और मीडिया आउटलेट्स के दफ्तरों में आग लगा दी।
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