
नई दिल्ली ।बांग्लादेश छात्र लीग (Bangladesh Chhatra League) के महासचिव शेख एनान ने छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या में आवामी लीग की संलिप्तता के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस(advisor Muhammad Yunus) की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का ही एक षड्यंत्र करार दिया है। शेख एनान ने हादी की हत्या के बाद हुई हिंसा की भी कड़ी निंदा की और अंतरिम सरकार पर इस्लामी आतंकवादियों (Islamicterrorists) व कट्टरपंथियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। बता दें कि बांग्लादेश छात्र लीग शेख हसीना(Sheikh Hasina)की पार्टी आवामी लीग का छात्र संगठन है।
एक अज्ञात स्थान से एएनआई को दिए इंटरव्यू में एनान ने कहा- बांग्लादेश की स्थिति बेहद दुखद है। यूनुस सरकार इस्लामी आतंकवादियों और कट्टरपंथियों को संरक्षण दे रही है ताकि वह अगस्त 2024 की घटना के बाद सत्ता में बनी रहे। सत्ता में आने के बाद यूनुस ने कहा था कि यह शेख हसीना के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश थी। अब वह उस साजिश के अगले चरण लागू कर रहे हैं।
भारत ने बचाई हसीना की जान
उन्होंने 2024 के विद्रोह को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या की साजिश का हिस्सा बताया और कहा कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद से हसीना की जान बचाई गई। उन्होंने कहा- हम भारत के बहुत आभारी हैं। अब यूनुस बांग्लादेश की आर्थिक संरचना और सामाजिक सद्भाव को नष्ट कर रहे हैं। वह देश की प्रगति रोकना चाहते हैं और विदेशी ताकतों के विचार लागू करना चाहते हैं।
शेख एनान ने हादी की हत्या को यूनुस और उनके सहयोगियों की साजिश बताया, जिसका मकसद आवामी लीग के खिलाफ माहौल बनाना है। उन्होंने कहा- 5 अगस्त 2024 के बाद से आवामी लीग के समर्थक और कार्यकर्ता प्रताड़ित किए जा रहे हैं और हिरासत में लिए जा रहे हैं। वे शिक्षा जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। ऐसे में आवामी लीग समर्थक हादी के हत्यारे कैसे हो सकते हैं? यह पूरी तरह फर्जी और झूठा आरोप है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर बोलते हुए शेख एनान ने 1971 के मुक्ति संग्राम का जिक्र किया। उन्होंने कहा- भारत हमेशा धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील बांग्लादेश का मित्र रहा है। हजारों भारतीय सैनिकों ने बांग्लादेश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान की। पाकिस्तानी शासकों ने भी यही प्रचार किया था कि आजादी मिली तो बांग्लादेश भारत का हिस्सा बन जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब यह खेल भारत को व्यस्त रखने का है। भारत को भी यूनुस और उनके सहयोगियों से सावधान रहना चाहिए।
हादी की हत्या और उसके बाद की हिंसा
शरीफ उस्मान हादी 2024 के विद्रोह के प्रमुख नेता थे और इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे। उनकी 12 दिसंबर को ढाका में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सिंगापुर में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। उनकी हत्या के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और हिंसा हुई, जिसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों और प्रेस पर हमले हुए। कुछ रिपोर्टों में हादी को भारत-विरोधी बताते हुए उनकी मौत को चुनाव को पटरी से उतारने की साजिश कहा गया है।
ढाका में क्रूड बम विस्फोट
इस बीच, बुधवार (24 दिसंबर) शाम करीब 7:30 बजे ढाका में एक फ्लाईओवर से फेंके गए क्रूड बम के विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना मुक्तिजोधा सेंट्रल कमांड काउंसिल के गेट के सामने हुई, जो एजी चर्च और एजी चर्च स्कूल के पास है। पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है, लेकिन जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। यह घटना जारी अशांति के बीच हुई है।
फरवरी 2026 में आम चुनाव
बांग्लादेश फरवरी 2026 में आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है, जहां राजनीतिक तनाव चरम पर है। चुनाव आयोग ने 12 फरवरी 2026 को मतदान की तारीख घोषित की है। इस बीच, अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है कि राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध और विवादास्पद अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल को पुनर्जीवित करना चुनाव की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने समावेशी और निष्पक्ष चुनाव की मांग की है। बांग्लादेश में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है, और आने वाले महीनों में राजनीतिक घटनाक्रम पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।
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