
इंदौर। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर योजना में इंदौर के किसानों को सोयाबीन की फसल की भावांतर की 50 करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली है। किसानों द्वारा इस राशि को देने के लिए आवाज उठाई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल पर भावांतर की योजना लागू की गई थी। इस योजना में प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल उपज मानते हुए किसानों को उनके द्वारा जिस रेट पर फसल का विक्रय किया गया, उस रेट और सरकार द्वारा मंजूर किए गए रेट के बीच के अंतर की राशि देने का सरकार की ओर से ऐलान किया गया था। इंदौर के किसानों को 18 नवंबर से लेकर अब तक बेची गई सोयाबीन की फसल पर भावांतर की राशि नहीं मिल सकी है।
किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा कल कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान तत्काल करने की मांग की गई। किसान नेता बबलू जाधव ने बताया कि भावांतर योजना में इंदौर के किसानों के 50 करोड़ रुपए से ज्यादा फंसे हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा किसानों को यह राशि देने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।
इस मुद्दे को लेकर किसानों द्वारा कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया, जिसमें यह राशि तत्काल भुगतान करने की मांग उठाई गई है। किसानों ने घोड़ारोज व जंगली सूअरों से हो रहे भारी फसल नुकसान, स्मार्ट मीटर के नाम पर बढ़े बिजली बिल, बिना सहमति मीटर परिवर्तन, रात्रिकालीन सिंचाई से हो रही परेशानियों, लक्ष्मी नगर अनाज मंडी के 186 किसानों के वर्षों से लंबित भुगतान, अहिल्या पथ से प्रभावित किसानों की जमीनों की टीएनसी पर लगी रोक, निरंजनपुर सब्जी मंडी को उप-मंडी घोषित करने, खाद की अनावश्यक टैगिंग तथा प्याज के लगातार गिरते दामों पर भी सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
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