
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेताओं सौरभ भारद्वाज, संजय झा और आदिल अहमद खान के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. यह मामला ईसाई समुदाय के पवित्र प्रतीक ‘सांता क्लॉज’ के कथित अपमानजनक चित्रण से जुड़ा है. एफआईआर अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है.
शिकायत के अनुसार, यह विवाद 17 और 18 दिसंबर 2025 को इन नेताओं के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से साझा किए गए एक वीडियो के बाद शुरू हुआ. यह वीडियो दिल्ली के कनॉट प्लेस में आयोजित एक राजनीतिक स्किट का हिस्सा था. आरोप है कि इस वीडियो में ईसाई समुदाय के सम्मानित धार्मिक-सांस्कृतिक प्रतीक सांता क्लॉज को बेहद मजाकिया और अपमानजनक तरीके से पेश किया गया.
शिकायतकर्ता का कहना है कि वीडियो में सांता क्लॉज को सड़क पर बेहोश होकर गिरते हुए दिखाया गया है. उन्हें एक गंभीर धार्मिक व्यक्तित्व के बजाय राजनीतिक संदेश देने के लिए एक ‘प्रॉप’ (साधन) की तरह इस्तेमाल किया गया. वीडियो के एक हिस्से में सांता क्लॉज को नकली CPR (जीवन रक्षक प्रक्रिया) देते हुए दिखाया गया, जिसे ईसाई समाज ने सेंट निकोलस और क्रिसमस पर्व की पवित्रता का उपहास माना है.
प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि यह कृत्य जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया. विशेष रूप से ‘एडवेंट’ (क्रिसमस से पहले का पवित्र समय) के अंतिम दिनों में इस तरह का वीडियो साझा करना ईसाई धर्म के प्रति अनादर दर्शाता है. ईसाई समुदाय का मानना है कि राजनीतिक लाभ के लिए एक पवित्र प्रतीक का इस तरह सार्वजनिक मजाक उड़ाना उनकी आस्था पर गहरी चोट है.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, सार्वजनिक रूप से किसी भी धार्मिक प्रतीक का मजाक उड़ाना या उसका अपमान करना कानूनन अपराध है. पुलिस ने बताया, “धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिशों के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है. डिजिटल साक्ष्यों और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच की जा रही है.”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved