ढाका । बांग्लादेश (Bangladesh) में पिछले सालभर में हिंदुओं (Hindu) के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। कई हिंदुओं की जान चली गई। अब फरवरी में बांग्लादेश में आम चुनाव होने वाले हैं, जिस पर दुनियाभर की नजरे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की पार्टी को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया है और खुद हसीना भी भारत में हैं। ऐसे में उनकी सीट से इस बार एक हिंदू शख्स चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत की केंद्रीय समिति के जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट गोबिंदा चंद्र प्रमाणिक ने आने वाले आम चुनाव में गोपालगंज-3 (कोटालीपारा-तुंगीपारा) सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसी सीट से शेख हसीना भी चुनाव लड़ा करती थीं।
कौन सी कमी करना चाहते हैं दूर, खुद बताया
गोबिंदा ने आगे कहा, “मैं खुद को एक न्यूट्रल व्यक्ति मानता हू। मेरा किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है, और न ही मैं कभी पार्टी पॉलिटिक्स में शामिल रहा हू। राजनीतिक पार्टियों के चुने हुए सांसद अक्सर पार्टी अनुशासन के कारण आम लोगों की समस्याओं को नहीं उठा पाते हैं। मैं इस कमी को दूर करना चाहता हूं और लोगों की तरफ से बोलना चाहता हूं।”
अब तक, इस सीट के लिए नॉमिनेशन पेपर लेने वालों में बीएनपी के उम्मीदवार एसएम जिलानी, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के आरिफुल दरिया, जमात-ए-इस्लामी के एमएम रेजाउल करीम, गण अधिकार परिषद के अबुल बशर, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के मारूफ शेख, नेशनल पीपल्स पार्टी के शेख सलाउद्दीन, खिलाफत मजलिस के ओली अहमद और निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हबीबुर रहमान और मोहम्मद अनवर हुसैन शामिल हैं। ना की सीट से चुनाव लड़ने जा रहा हिंदू नेता

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