
इन्दौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कानून नहीं होने के कारण हम इंदौर में कबूतर को दाना डालने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। मैं शहर के नागरिकों से अपील करता हूं कि वह कहीं भी कबूतर को दान नहीं डाले।
मुंबई की एक कोर्ट के द्वारा कबूतर को दाना डालने के मामले में एक व्यापारी को दोषी ठहराते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 222 ब के तहत इंसानी जिंदगी स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी ठहराया है। इस व्यापारी को बीएस की धारा 271 के तहत लापरवाही भरे काम से जानलेवा बीमारी के संक्रमण फैलाने का भी आरोप लगाया गया था। कोर्ट के द्वारा इस व्यापारी को 5000 रु. के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है।
पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके है कि कबूतर को दाना डालने पर कबूतर लगातार आते रहते हैं, ऐसे में उनके कारण संक्रमण फैलता है। इस स्थिति के बारे में पूछे जाने पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून नहीं होने के कारण हम कबूतर को दाना डालने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं।
अलबत्ता मैं इंदौर शहर के नागरिकों से अपील करता हूं कि वह कहीं भी कबूतर को दाना नहीं डालें। कबूतर को दाना डालने से एक तरफ जहां बीमारी होती है तो वहीं दूसरी तरफ चूहे भी तैयार होते हैं। चूहे भी बढ़ जाने से जो समस्याएं होती है, उसका सामना शहर इस समय कर रहा है। ऐसे में जरूरी है कि नागरिकों के द्वारा गांधी प्रतिमा सहित अन्य किसी भी स्थान पर कबूतर को दाना नहीं डाला जाएं।
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