
इंदौर। शहर (Indore) के मध्य स्थित ऐतिहासिक रीगल चौराहे (Regal Square) और रानी सराय (Rani Sarai) क्षेत्र में मेट्रो स्टेशन (Metro station) के निर्माण के लिए पेड़ों की प्रस्तावित कटाई को लेकर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। रविवार को ‘जनहित पार्टी’ (‘Janahit Party’) के कार्यकर्ताओं और पर्यावरण प्रेमियों ने रीगल चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन से विकास के नाम पर हरियाली को नष्ट न करने की अपील की।
“पेड़ नहीं कटने देंगे, इंदौर नहीं तपने देंगे”
हाथों में तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जनहित पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि रीगल और एसपी ऑफिस के पास स्थित यह हरा-भरा क्षेत्र शहर के “फेफड़ों” की तरह है। यहाँ 150 से 200 ऐसे पुराने पेड़ हैं, जो हजारों पक्षियों का बसेरा हैं।
मुख्य बिंदु: विरोध के प्रमुख कारण
पर्यावरण का नुकसान: प्रदर्शनकारियों के अनुसार, मेट्रो स्टेशन के लिए भारी संख्या में पेड़ों को काटना इंदौर के बढ़ते तापमान और प्रदूषण के लिए घातक सिद्ध होगा।
पक्षियों का बसेरा: कार्यकर्ताओं ने बताया कि यहाँ तोते, गौरैया और अन्य दुर्लभ पक्षी बड़ी संख्या में रहते हैं। पेड़ों की कटाई से इनका प्राकृतिक आवास पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।
विकास के प्रारूप में बदलाव की मांग: पार्टी ने मुख्यमंत्री और प्रशासन से आग्रह किया है कि मेट्रो स्टेशन के डिज़ाइन या स्थान में परिवर्तन किया जाए ताकि विकास भी हो और हरियाली भी बची रहे।
“जनता ने वोट दिया है, पेड़ काटने के लिए नहीं”
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि विकास ऐसा होना चाहिए जो इंसान, नदी, पहाड़ और पेड़ों को बचाकर किया जाए। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पेड़ों की कटाई का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा।
“सांसें हो रही हैं कम, आओ पेड़ बचाएं हम। इंदौर की जनता अब और पेड़ों की बलि बर्दाश्त नहीं करेगी।” – जनहित पार्टी कार्यकर्ता
क्या है पूरा मामला?
इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना का काम तेज़ी से चल रहा है। रीगल चौराहे के पास अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने की योजना है, जिसके लिए कुछ चिन्हित पेड़ों को हटाने या शिफ्ट करने की आवश्यकता पड़ रही है। इसी को लेकर अब पर्यावरण प्रेमी और राजनीतिक दल आमने-सामने आ गए हैं।
इंदौर मेट्रो: एक नजर इतिहास और अब तक के सफर पर
इंदौर मेट्रो परियोजना शहर की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन इसकी राह चुनौतियों भरी रही है:
शुरुआत और मंजूरी: इंदौर मेट्रो की परिकल्पना साल 2010 के आसपास की गई थी। केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2018 में इसके विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दी।
शिलान्यास: इस महत्वाकांक्षी परियोजना का औपचारिक शिलान्यास 14 सितंबर 2019 को किया गया था।
प्रोजेक्ट का विस्तार: इंदौर मेट्रो का पहला चरण (येलो लाइन) लगभग 31.55 किलोमीटर लंबा है, जो एक रिंग रोड की तरह शहर को जोड़ेगा। इसमें कुल 28-29 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
ट्रायल रन: सितंबर 2023 में गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर के बीच लगभग 6 किलोमीटर के ‘प्रायोरिटी कॉरिडोर’ पर पहला सफल ट्रायल रन किया गया।
हालिया उपलब्धि: 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर मेट्रो के पहले चरण (सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर) का वर्चुअली उद्घाटन किया, जिससे इंदौर देश के उन प्रमुख शहरों में शामिल हो गया जहाँ मेट्रो सेवा उपलब्ध है।
वर्तमान स्थिति: वर्तमान में मेट्रो का काम शहर के व्यस्त इलाकों जैसे राजवाड़ा, रेलवे स्टेशन और रीगल चौराहे की ओर बढ़ रहा है, जहाँ निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण और पेड़ों की कटाई जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं।
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