
वेलिंगटन। न्यूजीलैंड (New Zealand) के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत (India) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धि बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया: “हमने अपनी पहली कार्यकाल में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता हासिल करने का वादा किया था, और हमने इसे पूरा कर दिया। यह ऐतिहासिक समझौता 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं के बाजार के दरवाजे खोलकर अधिक नौकरियां, ऊंची आय और अधिक निर्यात लाएगा। मूलभूत सुधार। भविष्य का निर्माण।”
यह समझौता 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लक्सन के बीच टेलीफोन वार्ता के बाद घोषित किया गया। दोनों नेताओं ने इसे द्विपक्षीय संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया। मार्च 2025 में शुरू हुई वार्ताएं मात्र नौ महीनों में पूरी हुईं, जो भारत के सबसे तेज संपन्न FTA में से एक है। यह ‘विकसित भारत 2047’ विजन से जुड़ा है। इस समझौते के प्रमुख प्रावधानों के अनुसार न्यूजीलैंड भारत को अपने 95% निर्यातों पर शुल्क कम या समाप्त करेगा, जिसमें पहले दिन से 57% उत्पाद शुल्क-मुक्त होंगे।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.3 अरब डॉलर है, जो अगले पांच वर्षों में दोगुना होने की उम्मीद है। यह समझौता रोजगार सृजन, निवेश, नवाचार और MSME को मजबूत करेगा। हालांकि न्यूजीलैंड की गठबंधन सरकार में विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने विशेषकर डेयरी उत्पादों की बहिष्कार पर इसे ‘निष्पक्ष नहीं’ बताकर आलोचना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संबंधों को नई गति देगा। दोनों देशों के लिए यह आर्थिक विकास और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है। समझौते पर औपचारिक हस्ताक्षर 2026 की पहली तिमाही में होने की संभावना है।
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