
1. चार पैर रखती हूं, लेकिन कहीं न जाती हूं। ऑफिस हो या हो संसद, हर जगह फसादकराती हूं।
उत्तर. …..
2. दुनिया के कोने-कोने का घर बैठे कर लो दर्शन। दूर-पास की सैर कराता, बिना यान, मोटर या रेल। मुझको कहते ‘बुहू बक्सा’ ऐसा भी है मेरा खेल। मनोरंजन, शिक्षा, पिक्चर, गाना, खेल भरे मेरे अंदर।
उत्तर. …..
3. घर की रखवाली करता हूं बिना लिए लाठी-तलवार। जब तुम जाते चले कहीं, मैं झट बन जाता-पहरेदार।
उत्तर. …..
उत्तर मिलेंगे – रात 10 बजे
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