
नई दिल्ली।बांग्लादेश(Bangladesh) धार्मिक अल्पसंख्यकों(religious minorities, )खासकर हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता सामने आई है। एक मानवाधिकार संगठन(human rights organization3)र्ट के मुताबिक, जून से दिसंबर 2025 के बीच ईशनिंदा के आरोपों से जुड़े कम से कम 71 हमले हिंदुओं पर हुए। यह रिपोर्ट ह्यूमन राइट्स कांग्रेस (Human Rights Congress report) बांग्लादेश माइनॉरिटीज (एचआरसीबीएम)(HRCBM) जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये घटनाएं अलग-अलग नहीं, बल्कि एक लगातार चल रहे पैटर्न का हिस्सा हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ये घटनाएं बांग्लादेश के 30 से अधिक जिलों में दर्ज की गईं। इनमें रंगपुर, चांदपुर, चटगांव, दिनाजपुर, लालमोनिरहाट, सुनामगंज, खुलना, कुमिल्ला, गाजीपुर, टांगाइल और सिलहट जैसे जिले शामिल हैं। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि इतने बड़े इलाके में बार-बार ऐसी घटनाएं होना इस बात का संकेत है कि अल्पसंख्यक समुदाय प्रणालीगत रूप से असुरक्षित हैं।
हिंसा में नाबालिग भी नहीं बचे
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मामलों में 90 फीसदी से ज्यादा आरोपी हिंदू थे, जिनमें 15 से 17 साल के नाबालिग भी शामिल हैं। 27 जुलाई 2025 को रंगपुर के बेटगारी यूनियन में एक 17 वर्षीय लड़के की गिरफ्तारी के बाद भीड़ ने कम से कम 22 हिंदू घरों में तोड़फोड़ की।
सोशल मीडिया बना बड़ा कारण
एचआरसीबीएम के मुताबिक, कई आरोप फेसबुक पोस्टसे जुड़े थे। कई मामलों में अकाउंट हैक पाए गए, पोस्ट की सच्चाई साबित नहीं हो सकी, फिर भी पुलिस ने भीड़ के दबाव में गिरफ्तारी कर ली। अक्सर जांच पूरी होने से पहले हीएफआईआर दर्ज कर ली गई।
छात्रों और शिक्षण संस्थानों पर असर
रिपोर्ट में बताया गया है कि बड़ी संख्या में मामले बांग्लादेश के साइबर सिक्योरिटी एक्टके तहत दर्ज किए गए। कॉलेज और यूनिवर्सिटी छात्र खास तौर पर प्रभावित हुए। कई छात्रों को निलंबित किया गया, कॉलेज से निकाला गया और पुलिस रिमांड में भेजा गया।
मौत की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता, भारत ने भी जताई चिंता
इस रिपोर्ट में कई मौतों का भी जिक्र है। 18 दिसंबर 2025 को मयमनसिंह में एक 30 वर्षीय हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और शव को जला दिया। खुलना में एक नाबालिग पर कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में हमला किया गया। इन घटनाओं ने कानून-व्यवस्था और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इन घटनाओं पर भारत ने भी चिंता जताई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा से गंभीर रूप से परेशान है। एमईए ने हालात को ‘लगातार जारी दुश्मनी’ बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved