
वाराणसी । यूपी (UP) में वाराणसी (Varanasi) के चौबेपुर थाना क्षेत्र के नरपतपुर निवासी रिटायर मेडिकल अफसर डॉ. प्रशांत सिंह (Dr. Prashant Singh) साइबर ठगों (Cyber fraudsters) के शिकार हो गए है। छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) करके कोर्ट की झूठी कार्यवाही के बहाने ठगों ने उनसे 51.98 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इस दौरान फर्जी कोर्ट लगाई गई और ऑनलाइन पेशी भी कराई गई। उनकी शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। डॉ. सिंह नरपतपुर सीएचसी से सेवानिवृत हैं।
भुक्तभोगी डॉ. सिंह ने बताया कि 11 दिसंबर की दोपहर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का पीआरओ बनकर किसी अभिषेक शर्मा ने फोन पर बताया कि आपके नाम से मुंबई के तिलक नगर से सिम खरीदने और उसके गलत इस्तेमाल का आरोप है। उसने एक फोन नंबर दिया। कहा कि इस नंबर पर अपना नाम, राज्य का नाम लिखकर व्हाट्सएप कर दें। ऐसा करते दूसरी ओर से वीडियो कॉल आई।
एक महिला एसआई अर्चना त्यागी बनकर बात करने लगी। उसने आईपीएस विजय खन्ना से बात कराई। जिसने बताया कि आप जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हो। आपका केनरा बैंक का एटीएम कार्ड नरेश गोयल के घर से मिला है। खाते में 2 करोड़ रुपये हैं, जिसमें से 10 फीसदी आपको मिलने थे। 12 दिसंबर की सुबह उसने वीडियो कॉलिंग से उन्हें कोर्ट में पेश किया।
कुछ सवाल पूछने के बाद आईपीएस विजय खन्ना बने ठग ने किसी करन शर्मा से बात कराई। उसने एक कोर्ट का आर्डर दिया, जिसमें 14 लाख 74 हजार रुपये देने को कहा गया। इस तरह 16 दिसंबर तक कोर्ट में पेशी कराने के बाद 51 लाख 98 हजार रुपये ठग लिये गए। फर्जी कोर्ट से बताया गया था कि जांच के बाद आपका पैसा 48 से 72 घंटे में खाते में वापस आ जाएगा। पैसा वापस नहीं आया तो उन्होंने अन्य लोगों को जानकारी दी। तब पता चला कि वह साइबर ठगी के शिकार हुए हैं।
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