तेलअवीव। 7 अक्टूबर 2023 का दिन इतिहास (History) के पन्नों में काले अक्षरों में दर्ज हो गया है। इसी दिन हमास (Hamas) के आतंकवादियों ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए, अपहरण कर लिए गए और क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। दुनिया ने देखा कि आतंकवाद कितना खूंखार हो सकता है और यह किसी भी सीमा को लांघ सकता है। इस घटना के दो साल बाद भी हमास हमले से इनकार कर रहा है और अपना एकतरफा संस्करण दुनिया के सामने पेश कर रहा है। वहीं, इज़रायल रक्षा बल (IDF) ने एक वीडियो फुटेज जारी करके हमास को जवाब दिया है और उसकी पोल खोल दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में IDF ने कहा कि हमास ने 42 पन्नों का एक दस्तावेज जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि 7 अक्टूबर के नरसंहार के दौरान उसने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया। यह दस्तावेज नागरिकों की हत्या, बच्चों की हत्या और यौन हिंसा से इनकार करता है, जबकि दस्तावेजीकृत तथ्यों को नकारता है। दूसरी ओर IDF द्वारा जारी फुटेज नरसंहार के दौरान हमास की क्रूर कार्रवाइयों का एक छोटा सा हिस्सा दिखाता है।
जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, हमास ने बुधवार को 7 अक्टूबर के नरसंहार का अपना संस्करण प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक है ‘हमारी कहानी… अल-अक्सा बाढ़: दो साल की दृढ़ता और मुक्ति की इच्छा’। इस दस्तावेज में 7 अक्टूबर के नरसंहार का वर्णन किया गया है, जिसे ‘अल-अक्सा बाढ़’ के रूप में संदर्भित किया गया है, और इसे एक सैन्य अभियान से कहीं अधिक बताया गया है, साथ ही इसे एक निर्णायक ऐतिहासिक क्षण के रूप में चित्रित किया गया है। इसे आठ अध्यायों में विभाजित किया गया है, जिसमें 7 अक्टूबर के नरसंहार के कारणों और संदर्भ, उस दिन की घटनाओं और हमास द्वारा ‘हमले’ की जांच के रूप में वर्णित बातों पर चर्चा की गई है।
जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, अन्य अध्यायों में इजरायल-हमास युद्ध के घटनाक्रम, हमास द्वारा वर्णित उसकी ‘राजनयिक’ गतिविधि और युद्ध के वर्तमान चरण के लिए उसकी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 42 पृष्ठों के इस दस्तावेज में हमास की राजनीतिक मांगों को दोहराया गया है, जिनमें यरुशलम को राजधानी बनाकर एक फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और फिलिस्तीनी शरणार्थियों की वापसी शामिल है।
जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की शुरुआत में हमास ने ‘हमारी कहानी: ऑपरेशन अल-अक्सा बाढ़’ प्रकाशित किया था, जिसमें 7 अक्टूबर के नरसंहार और इजरायल-हमास युद्ध से संबंधित घटनाओं का अपना संस्करण प्रस्तुत किया गया था। वह दस्तावेज ऑनलाइन और प्रिंट माध्यमों में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, यह दस्तावेज अमेरिका और यूरोप के कॉलेज परिसरों में वितरित किया गया था, जहां यह छात्र मंचों और विरोध प्रदर्शनों में दिखाई दिया। हालांकि इस रिपोर्ट की आलोचना भी हुई थी।
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