
इस्लामाबाद। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत के दिए झटके को अब पाकिस्तान (Pakistan) स्वीकार करने लगा है। हाल ही में पड़ोसी मुल्क के उप प्रधानमंत्री इशाक डार (Deputy Prime Minister Ishaq Dar) ने हमले की बात मान ली है और साथ ही बताया है कि किन दो देशों ने भारत से बात करने की इच्छा जताई थी। जबकि, भारत साफ कर चुका है कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को सीजफायर रोकने के लिए नहीं कहा था। पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर का आगाज किया था।
कौन से दो देश आए थे आगे
डार ने दावा किया है कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने भारत से बात करने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि 10 मई को रूबियो की तरफ से उन्हें सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर फोन आया था। उनके अनुसार, तब अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत सीजफायर के लिए तैयार है, लेकिन क्या पाकिस्तान मानेगा। डार ने कहा, ‘मैंने कहा कि हम कभी भी युद्ध नहीं चाहते हैं।’
डार ने कहा कि बाद में फैजल ने उनसे संपर्क किया और भारत से बात करने की अनुमति मांगी थी। साथ ही दावा किया कि बाद में फैजल ने पुष्टि कर दी थी कि सीजफायर पर सहमति बन गई है।
भारत का पक्ष
भारत पहले ही साफ कर चुका है कि सीजफायर में किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी। जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन रोकने का अनुरोध किया था। इससे पहले जून में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है। अल जजीरा के अनुसार, उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बता दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर दोनों देशों की बातचीत से हुआ है, ना कि अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ।
मिस्री ने कहा था, ‘पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को साफतौर पर बता दिया है कि इस अवधि में भारत और अमेरिका ट्रेड डील या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता जैसे विषयों पर कोई बात नहीं हुई।’ उन्होंने कहा था, ‘सैन्य कार्रवाई के सीजफायर की बात भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर हुई थी और पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा है कि भारत ने पहले भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया था और आगे भी कभी नहीं करेगा।’
ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के प्रतिशोध में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया। इन हमलों के कारण दोनों देशों के बीच चार दिनों तक तीव्र संघर्ष हुआ और 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ यह संघर्ष समाप्त हुआ।
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