
नई दिल्ली। अरशद वारसी(Arshad Warsi) ने बताया कि इस मामले में उनकी किस्मत बहुत खराब(Very bad luck) रही है, क्योंकि वह अपने पसंदीदा सुपरस्टार्स (Favorite Superstars) के साथ कभी काम नहीं कर पाए। हालांकि अमिताभ(Amitabh) के साथ उन्होंने एक फिल्म की थी, लेकिन वो रिलीज नहीं हो सकी।
अरशद वारसी(Arshad Warsi) हमेशा से ही इंडस्ट्री(industry) के कुछ कामयाब और सुपर टैलेंटेड लोगों के साथ काम करना चाहते थे, लेकिन उनकी किस्मत ने इस मामले में उनका साथ नहीं दिया। इन चुनिंदा लोगों में से एक थे महानायक अमिताभ बच्चन(legendary Amitabh Bachchan)जिनके साथ अरशद वारसी (Arshad Warsi) काम करके भी नहीं कर पाए। क्योंकि उन्होंने जो फिल्म की, वो कभी सिनेमाघरों में रिलीज ही नहीं हुई। इस फिल्म का नाम था ‘जमानत'(Zamaanat’) जिसमें काम करने के दौरान अरशद वारसी(Arshad Warsi) को अमिताभ बच्चन(Amitabh Bachchan) से एक अहम सीख मिली।
कभी रिलीज नहीं हुई यह फिल्म
अरशद वारसी ने ‘द लल्लनटॉप’ के साथ बातचीत में बताया, “मेरी किस्मत इतनी खराब है, मैंने आज तक अमित जी के साथ काम नहीं किया। हमने एक पूरी फिल्म की थी साथ में, लेकिन वो रिलीज नहीं हुई। वहां पर एक चीज यह मुझे रियलाइज हुई जो मुझे अमिताभ बच्चन जी ने कही थी कि आप अपना शॉट करते रहिए जब तक आप खुश नहीं हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता है, चाहे कुछ भी हो जाए। आपको अपना शॉट करते रहना है जब तक आप खुद संतुष्ट ना हो जाएं।” अरशद ने इससे जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया।
कड़कती धूप में किए थे 10 टेक
अमिताभ बच्चन किस दर्जे के डेडिकेशन के साथ काम करते हैं, इस बारे में बताते हुए अरशद वारसी ने कहा, “हमने एक शॉट लिया था वहां पर। हैदराबाद में हमने यह सीन किया था। कड़कती धूप में कोर्टरूम का एक सेट है। ढेर सारे वकील है वहां सीढ़ियों पर। अमित जी खड़े हैं और मैं खड़ा हूं। करीब 500-1000 लोग हैं जो धरने पर हैं और सड़क पर लेटे हुए हैं। अमित जी की एक लंबी सी स्पीच है उसके अंदर। उस सीन के उन्होंने कुछ 7-8 या 10 टेक दिए थे। क्योंकि वो उसे अच्छी तरह करना चाहते थे।”
‘मुझे लगा वो मजाक कर रहे हैं’
अरशद वारसी ने बताया कि एक आखिरी टेक करने के बाद उन्हें लगा कि नहीं उन्होंने अच्छा कर दिया है। इसके बाद सारी चीजें हटा दी गईं और हम ऊपर जाकर बैठ गए। लेकिन फिर उन्होंने कहा, “पता है क्या, मुझे लगता है एक टेक और करना चाहिए। मुझे लगा वो मजाक कर रहे हैं। क्योंकि अभी तक इतने सारे टेक दिए थे। उन्होंने असिस्टेंट को बुलाया और कहा- सर को कहो कि एक और करेंगे। फिर से किया उन्होंने। सारा तामझाम दोबारा सेटअप किया गया। फिर से उन्होंने 6-7 टेक किए और तब माने।”
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