img-fluid

‘बंदूक की नोक पर किया गया तमाशा’, म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद पहला आम चुनाव संपन्न

December 29, 2025

डेस्क: म्यांमार (Myanmar) में 2021 के सैन्य तख्तापलट (Military Coup) के बाद पहली बार आम चुनाव (General Elections) कराए गए, लेकिन यह चुनाव भारी प्रतिबंधों, सीमित क्षेत्रों और जारी गृहयुद्ध के साए में संपन्न हुआ. चुनाव ऐसे समय में हुए हैं, जब देश की नोबेल पुरस्कार विजेता नेता आंग सान सू ची भी हिरासत में हैं और उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) को भंग कर दिया गया है. यह चुनाव दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के कुल 330 टाउनशिप में से केवल लगभग एक-तिहाई क्षेत्रों में ही कराए जा सके. व्यापक हिंसा और सशस्त्र संघर्ष के कारण बड़े हिस्सों में मतदान संभव नहीं हो पाया.

म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में मतदान केंद्र रविवार (28 दिसंबर 2025) की सुबह 6 बजे खुले और दोपहर 4 बजे बंद हुए. हालांकि, देशभर में स्थिति सामान्य नहीं रही. इस दौरान 65 टाउनशिप में चुनाव पूरी तरह रद्द कर दिए गए. शेष क्षेत्रों में मतदान को तीन चरणों में बांटा गया. म्यांमार में अगला मतदान 11 जनवरी और 25 जनवरी को होगा. हालांकि, अभी तक मतगणना और परिणाम की तारीखों की अभी घोषणा नहीं की गई है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कम से कम 20 प्रतिशत आबादी इस चुनाव में मताधिकार से वंचित रही है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि शहरों में मतदान प्रतिशत कितना रहा.


चुनाव अधिकारियों ने बताया गया कि सिर्फ एक-तिहाई पंजीकृत मतदाताओं ने ही वोट डाला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों में डर, असंतोष और सैन्य शासन के प्रति अविश्वास के कारण मतदान बेहद कम रहा. इस चुनाव की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि सेना विरोधी दलों को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गई. आंग सान सू ची की पार्टी NLD को भंग कर दिया गया है और वह खुद अब भी जेल में हैं. ऐसे में सेना समर्थित यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (USDP) के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की पूरी संभावना जताई जा रही है.

म्यांमार के सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने राजधानी नेप्यीडॉ में मतदान किया. आम नागरिकों की वोट डालने के बाद उन्होंने स्याही लगी उंगली दिखाते हुए तस्वीरें भी खिंचवाईं. उन्होंने दावा किया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष है. सैन्य शासन के तहत चुनाव कराना गलत नहीं है. यह प्रक्रिया देश के लिए राजनीतिक और आर्थिक नई शुरुआत है.

संयुक्त राष्ट्र समेत कई पश्चिमी देशों और मानवाधिकार संगठनों ने इस चुनाव को नाटक करार दिया है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज ने कहा, ‘जो सरकार नागरिकों पर बम बरसाती है, राजनीतिक नेताओं को जेल में डालती है और हर असहमति को अपराध बनाती है, उसकी ओर से कराया गया चुनाव चुनाव नहीं, बल्कि बंदूक की नोक पर किया गया तमाशा है. उन्होंने इसे म्यांमार के संकट से बाहर निकलने का रास्ता मानने से साफ इनकार कर दिया.

Share:

  • MHA ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को दी Y+ सुरक्षा, CISF के जवान रहेंगे तैनात

    Mon Dec 29 , 2025
    नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल (Manoj Kumar Agarwal) को CISF की Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. यह निर्णय खुफिया विभाग की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. अब मनोज कुमार अग्रवाल की सुरक्षा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved