मुंबई । मुंबई महानगरपालिका चुनाव ((BMC)) के लिए कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाडी (BBA) के बीच हुए गठबंधन को उस समय झटका लगा, जब यह बात सामने आई कि प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) के नेतृत्व वाली वीबीए के पास उसे आवंटित 62 सीट में से 20 पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार ही नहीं हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के 15 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई। वीबीए के पास उम्मीदवार न होने की इस स्थिति के बाद अब कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
कांग्रेस मतदाताओं के साथ सहानुभूति
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि उन्हें इन 20 वार्डों के कांग्रेस मतदाताओं के साथ सहानुभूति है। मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में दलित मतदाताओं के बीच वीबीए का प्रभाव है। डॉ. बी आर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली इस पार्टी का मुख्य आधार ‘नवबौद्ध’ मतदाता हैं।
हो रही जगहंसाई, आलोचकों के निशाने पर आए
महाराष्ट्र के 29 महानगरपालिकाओं के लिए मतदान 15 जनवरी, 2026 को होगा, जबकि जिला परिषद चुनावों की औपचारिक घोषणा अबतक नहीं की गई है। 20 सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतार पाने की वजह से सियासी हलकों में प्रकाश आंबेडकर की जगहंसाई हो रही है। उनके आलोचक इस बात केलिए उन पर निशाना साध रहे हैं कि जब उनके पैस कैडर नहीं थे तो सीट बंटवारे में उतनी सीटों क्यों ली और कांग्रेस ने बिना जमीनी स्थिति को समझे कैसे इतनी सीटें उन्हें दे दी।
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