
आगर. मध्यप्रदेश (MP) के आगर जिले में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई (Public hearing) के दौरान उस समय सभी लोग हैरान रह गए, जब एक शिकायतकर्ता मरे हुए तोते (parrot) का शव लेकर जिला कलेक्ट्रेट (District Collectorate) पहुंच गया. यह दृश्य न सिर्फ प्रशासनिक अमले बल्कि वहां मौजूद आम लोगों को भी झकझोर देने वाला था. शिकायतकर्ता ने इस माध्यम से चीनी मांझे (चाइना डोर) के खतरों की ओर प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की.
शिकायतकर्ता की पहचान धर्मेंद्र विश्वकर्मा के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि एक तोता चीनी मांझे की चपेट में आ गया था, जिससे उसके पंख बुरी तरह कट गए. घायल अवस्था में वह तोता उनके घर की छत पर आकर गिर पड़ा. धर्मेंद्र और उनके परिवार ने पूरी रात उसकी देखभाल की और उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण सुबह उसकी मौत हो गई.
धर्मेंद्र विश्वकर्मा मरे हुए तोते के शव को लेकर सीधे जनसुनवाई में पहुंचे और अधिकारियों के सामने अपनी पीड़ा रखी. उन्होंने कहा कि राज्य में चीनी मांझे पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसकी खुलेआम खरीदी-बिक्री और उपयोग जारी है. इसका खामियाजा न सिर्फ पक्षियों को, बल्कि आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है.
कंधों पर लाश, बेबस लोग और श्मशान घाट…
शिकायतकर्ता ने प्रशासन से मांग की कि चाइना डोर के खिलाफ सिर्फ कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सख्त और प्रभावी कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि आए दिन पक्षी इस मांझे की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं या अपनी जान गंवा रहे हैं. कई मामलों में इंसान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिससे यह साफ है कि यह मांझा जानलेवा साबित हो रहा है. सामने आए वीडियो में दिखता है कि जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने शिकायत को गंभीरता से सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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