
डेस्क: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 2025 में 25,278 लोग डेंगू बुखार (Dengue Fever) से प्रभावित हुए और 10 लोगों की मौत हुई. लोक स्वास्थ्य विभाग (Public Health Department) ने चेतावनी दी है कि फरवरी तक डेंगू का प्रकोप रहेगा. बारिश के मौसम (Rainy Season) में डेंगू बुखार फैलाने वाले ‘एडीज – इजिप्टी’ प्रजाति के मच्छर बड़ी संख्या में पैदा होकर बीमारियों को फैला रहे हैं. इसके कारण जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू का प्रकोप गंभीर था. इन महीनों में चेन्नई, कोयंबटूर, इरोड सहित जिलों में प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे थे.
जन स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकायों (Local Bodies) के संयुक्त रूप से की गई निरंतर कार्रवाई के कारण, डेंगू का प्रकोप अब कम हो गया है और प्रतिदिन 100 से नीचे दर्ज किया जा रहा है. वहीं, पिछले साल 46,927 लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे, जबकि इस साल प्रभावितों की संख्या आधी रह गई है. यानी चालू 2025 में डेंगू से प्रभावित लोगों की संख्या केवल 25,278 है. पिछले साल की तुलना में यह प्रकोप आधा रह गया है.
लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल 46,927 लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे. इनमें से 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस साल बारिश के मौसम में डेंगू का प्रकोप अधिक था. यानी जुलाई से अक्टूबर तक, विशेष रूप से गांवों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में प्रकोप अधिक था. डेंगू की पुष्टि वाले क्षेत्रों में तत्काल चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए और प्रकोप को दूसरों में फैलने से रोका गया. इसके परिणामस्वरूप डेंगू बुखार का प्रकोप कम हुआ. इस साल 25,278 लोग डेंगू से प्रभावित हुए. उनमें से 10 लोगों की मौत हो गई है.
अधिकतम 6,284 लोग चेन्नई में, 2,094 तिरुवल्लूर में, 1,882 कोयंबटूर में, 1,525 कडलूर में डेंगू से प्रभावित हुए. अन्य जिलों में 1,000 से कम लोगों में प्रकोप की पुष्टि हुई है. न्यूनतम 91 लोग करूर में और 103 लोग नीलगिरी में प्रभावित हुए हैं. पिछले साल की तुलना में डेंगू बुखार का प्रकोप 50 प्रतिशत कम किया गया है. वर्तमान में, 100 से कम मामलों का पता लगाया जा रहा है.
चेन्नई और उपनगरीय क्षेत्रों में डेंगू बुखार से प्रभावित 113 लोग चिकित्सा उपचार में हैं. डेंगू के प्रकोप की गंभीरता कम हो गई है, लेकिन जनवरी और फरवरी के महीनों में भी प्रकोप रहेगा. उसके बाद ही यह कम होना शुरू होगा. इसलिए, बुखार जैसे लक्षण होने पर, लापरवाही न करें और खुद से कोई दवा लेने के बजाय डॉक्टर से इलाज कराएं. उन्होंने ऐसा बताया है.
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