उज्जैन। नगर निगम में ऊपर से लेकर नीचे तक कामचोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है तथा कल जो नकली रसीद कट्टा कांड सामने आया है उसमें निगम कर्मचारियों की भूमिका संदेह में है और पुलिस में प्रकरण दर्ज हो गया है।
नगर निगम में कल नकली कट्टा कांड सामने आया। इसमें पब्लिसर्स नकली कट्टे छाप रहा था और इसमें एक राजस्थान का युवक भी शामिल है। कल पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में उज्जैन और इंदौर के नगर निगम कर्मचारियों की भूमिका पर पुलिस आरोपियों से पुछताछ कर रही है। संभवत: इसमें बड़ा रैकेट पकड़ में आ सकता है।
कल माधवनगर पुलिस ने 5 पंपलेट और 10 रसीद कट्टे का प्रारूप जिससे नगर निगम राजस्व एवं कोरोना काल में स्पॉट फाईन एवं अन्य दण्ड वसूल रहा है। इस मामले में पुलिस ने राजस्थान, जयपुर के अचिन और सांई कृपा प्रिंटिंग के संचालक विकास को गिरफ्तार किया है और दोनों पर धारा 419 और 420 में प्रकरण दर्ज मामला जांच में लिया है। एडिशनल एसपी अमरेन्द्र सिंह ने बताया आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इस मामले में बड़ा रैकेट सामने आ सकता है। शुरूआती पूछताछ में आरोपियों ने यह काम प्रारंभ करने की बात कही है। लेकिन बिना नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत के इन रसीद कट्टों का कोई महत्व नहीं है। ऐसे में पुलिस आरोपियों का दो दिन का रिमांड मांगेगी और कौन-कौन से नगर निगम के कर्मचारी इसमें उनके साथ मिले हुए है, यह पूछताछ की जाएगी। पुलिस को शंका है कि इसमें उज्जैन और इंदौर नगर निगम के राजस्व एवं अन्यकर विभाग के कर्मचारी मिले हुए है और संभावना यह भी है कि कोरोना काल में स्पॉट फाइन एवं अन्य मामलों में कई रसीद कट्टे खपा दिए है और नगर निगम को चूना लगाया है, क्योंकि कोरोना काल में अनलॉक के बाद अभी तक 15 लाख दण्ड की वसूली की जा चुकी है। यदि पूछताछ में नगर निगम कर्मचारियों के नाम आए तो उनकी नौकरी जा सकती है।
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