
नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के ऑटोमोबाइल कंपनी हुंडई ने देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सूजुकी को एसयूवी सेगमेंट में पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही हुंडई देश की टॉप-सेलिंग ऑफ-रोडर कंपनी बन गई है। हुंडई ने अपनी एंट्री एसयूवी वेन्यू और क्रेटा के नए मॉडल के दम पर यह कमाल किया है। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान इस सेगमेंट में हुंडई की बिक्री मारुति से 1635 यूनिट अधिक रही।
बीती तिमाही में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री कोरोना वायरस महामारी और इसके कारण लगे लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस दौरान हुंडई ने 34212 एसयूवी यूनिट बेची जबकि मारुति की बिक्री 32577 यूनिट रही। दिग्गज घरेलू एसयूवी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अप्रैल-जुलाई के दौरान 22477 एसयूवी बेचीं।
एसयूवी सेगमेंट में मारुति की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें ब्रेजा और अर्टिगा हैं। मारुति की पेरेंट कंपनी सूजुकी की हरियाणा और गुजरात में फैक्ट्रियां हैं और वह अपने उत्पादन को स्थिर करने की कोशिश में लगी है। कंपनी को उत्पादन के साथ-साथ कलपुर्जों की आपूर्ति में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एसयूवी सेगमेंट में मारुति 2018-19 (2.64 लाख यूनिट) और 2019-20 (2.35 लाख यूनिट) में टॉप पर रही थी। हुंडई ने इस दौरान क्रमशः 1.25 लाख और 1.76 लाख कारें बेची थीं। महिंद्रा ने 2018-19 में 2.17 लाख और 2019-20 में 1.75 लाख एसयूवी बेचीं। हुंडई इंडिया के डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) तरुण गर्ग ने कहा कि मारुति के डीजल कैटगरी से हटने के फैसले के बाद हुंडई की स्थिति मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि क्रेटा की 60 फीसदी बिक्री डीजल मॉडल की है जबकि वेन्यू की बिक्री में डीजल मॉडल की हिस्सेदारी 32 फीसदी है।
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