वाशिंगटन। नासा (NASA) के ATLAS टेलीस्कोप से खोजे गए एक नए अंतरतारकीय पिंड (Interstellar bodies) ने हलचल बढ़ा दी है। 3I/ATLAS को लेकर वैज्ञानिक उत्साहित (Scientists Excited) तो हैं मगर इसने चिंता भी खड़ी कर दी है। हार्वर्ड के खगोलशास्त्री एवि लोएब का दावा है कि यह कोई प्राकृतिक पिंड नहीं, बल्कि किसी एलियन सभ्यता की ओर से भेजा गया यान हो सकता है। लगभग 20 किलोमीटर लंबा यह पिंड रहस्यमयी गैस और धूल की परत में नजर आता है। असामान्य गति और बनावट के कारण यह अब तक के सबसे बड़े और अनोखे अंतरतारकीय पिंडों में से एक है।
एवि लोएब का कहना है कि इस रहस्यमयी चीज का बर्ताव किसी भी ज्ञात प्राकृतिक खगोलीय पिंड से मेल नहीं खाता। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह पृथ्वी की निगरानी के लिए भेजा गया कोई उपकरण है? खगोलशास्त्री ने इस खोज को डार्क फॉरेस्ट हाइपोथेसिस से जोड़ा है, जो बताता है कि ब्रह्मांड में कई सभ्यताएं मौजूद हो सकती हैं। लेकिन, वे विनाश के डर से छिपी रहती हैं। अगर 3I/ATLAS वाकई किसी सभ्यता का यान है तो यह संकेत दे सकता है कि पृथ्वी अब उनकी नजर में है। यह एक शांतिपूर्ण संदेश हो सकता है या फिर किसी अनजान खतरे की शुरुआत।
अनजान पिंड को लेकर अलग-अलग दावे
कई वैज्ञानिक इस दावे को संदेह की नजर से भी देख रहे हैं। उनका कहना है कि यह एक प्राचीन अंतरिक्ष चट्टान हो सकती है, जो दूर के तारों की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से निकली हो। फिर भी, लोएब ने सतर्कता बरतने और सभी आंकड़ों की गहन जांच करने की सलाह दी है। मालूम हो कि 3I/ATLAS दिसंबर में पृथ्वी के सबसे करीब होगा, जब यह लगभग 27 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। इस दौरान दुनिया भर के खगोलशास्त्री इसके व्यवहार का बारीकी से अध्ययन करेंगे ताकि इसकी वास्तविक प्रकृति का पता लगाया जा सके। ऐसे इस खगोलीय घटना को लेकर दुनियाभर में दिलचस्पी बढ़ गई है।
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