वाशिंगटन। नासा के वैज्ञानिकों (Nasa Scientists) ने हाल ही में एक नए क्षुद्रग्रह की पहचान की है, जो अब चंद्रमा के लिए संभावित खतरा बन चुका है। यह क्षुद्रग्रह 2032 में चंद्रमा (Moon) के दक्षिणी गोलार्ध से टकरा सकता है। इसका आकार लगभग 175 से 220 फीट के बीच आंका गया है, जो किसी 15 मंजिला इमारत के बराबर है। इस अंतरिक्ष पिंड की तस्वीरें नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने 26 मार्च 2025 को ली थीं, जिनमें इसकी सतह पर बोल्डर जैसे पत्थर दिखाई दे रहे हैं।
नासा का अनुमान है कि यह पृथ्वी से नहीं टकराएगा। इसके टकराव की संभावना केवल 4% है। लेकिन यदि यह चंद्रमा से टकराता है तो यह एक आधा मील से बड़ा गड्ढा बना सकता है। यह पिछले 5,000 वर्षों में सबसे बड़ी खगोलीय घटना साबित हो सकती है।
इस क्षुद्रग्रह को शुरू में पृथ्वी के लिए खतरा माना गया था और इसे टोरीनो प्रभाव खतरा पैमाने (Torino Impact Hazard Scale) पर अब तक की सबसे ऊंची रेटिंग दी गई थी। लेकिन फरवरी 2025 में नई कक्षा गणनाओं के बाद यह स्पष्ट हुआ कि पृथ्वी सुरक्षित है। मगर चंद्रमा खतरे की जद में है।
कनाडा की वेस्टर्न ओंटारियो और एथाबास्का यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार एक अध्ययन के मुताबिक चंद्रमा से टक्कर के बाद विशाल मात्रा में चट्टानी मलबा अंतरिक्ष में फैल सकता है। यह 10,000 से अधिक सक्रिय उपग्रहों और 25,000 से ज्यादा ट्रैक किए गए अंतरिक्ष मलबे के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। माइक्रो-टुकड़ों के टकराव से सैटेलाइट्स के संचार, नेविगेशन और डाटा ट्रांसमिशन जैसी अहम प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं।
पृथ्वी पर हो सकती है उल्का वर्षा
अगर चंद्रमा से टकराता है तो कुछ बारीक चंद्रीय कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकते हैं और एक दृश्य उल्का वर्षा का कारण बन सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार यह घटना देखने में तो आकर्षक होगी, परंतु इससे पृथ्वी पर कोई गंभीर नुकसान नहीं होगा।
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