
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति चुनाव(Vice Presidential Election) के लिए सत्तापक्ष(ruling party ) और विपक्ष(opposition) ने उम्मीदवारों का ऐलान(Announcement of candidates) कर दिया है। जहां सत्तापक्ष ने तमिल भाषी सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बना डीएमके को लुभाने और विपक्षी खेमे में सेंधमारी की कोशिश की है। वहीं, विपक्षी गठबंधन तेलुगु दांव पर टीडीपी और केसीआर को तोड़ना चाहती है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जहां पहले एनडीए ने तमिल दांव से विपक्ष में फूट डालने की कोशिश की। वहीं, अब विपक्ष अपने उम्मीदवार के ऐलान के साथ एनडीए के साथियों को रिझाने की कोशिश है। क्या दोनों पक्ष अपने इस दांव में कामयाब होंगे?
क्या बोली भाजपा की सहयोगी पार्टी
एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी भाजपा की प्रमुख सहयोगी है। नायडू के बेटे नारा लोकेश ने सोशल मीडिया पोस्ट से स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए के सहयोगी टूटने वाले नहीं हैं। टीडीपी में जनरल सेक्रेटी और आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने एक्स पर लिखा, ‘कोई अस्पष्टता नहीं। केवल गर्मजोशी, सम्मान और संकल्प। एनडीए एकजुट खड़ा है। लोकेश ने हाल ही में एनडीए के चयनित सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। बता दें कि टीडीपी भाजपा के लिए काफी अहम साथी है। पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में अपना समर्थन देकर टीडीपी ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
गौरतलब है कि भाजपा ने तमिल नेता को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में खड़ा करके इंडिया गठबंधन के साथी डीएमके को रिझाने की कोशिश की थी। लेकिन विपक्ष ने रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को खड़ा करके उसका यह दांव फेल कर दिया। अब विपक्ष ने भी टीडीपी के सामने भी कुछ ऐसा ही सवाल खड़ा कर दिया है जो पहले भाजपा ने डीएमके के सामने खड़ा किया था।
डीएमके भी कर चुकी है स्पष्ट
हालांकि डीएमके ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इंडिया गठबंधन के साथ ही रहेगा। उसने कहा कि सीपी राधाकृष्णनन को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाना भाजपा का राजनीतिक कदम है। डीएमके ने कहा कि इसे राजनीति के ही नजरिये से देखा जाना चाहिए, ना कि भाषा के नजरिए से। वहीं, अब टीडीपी ने भी कुछ ऐसा ही जवाब देकर स्पष्ट कर दिया है कि वह एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है।
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