
नई दिल्ली: इटली की प्रधानमंत्री Georgia Meloni ने फिलिस्तीन को मान्यता देने से इनकार कर दिया है, इसके बाद इटली में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. प्रदर्शन मिलान, जेनोआ और लिवोर्नो जैसे प्रमुख शहरों में शुरू हुए, जहां सड़कों को जाम किया गया. इसके बाद पुलिस ने एक्शन लिया और भीड़ को तित-बितर कर दिया है.
न्यूयॉर्क में UNGA की बैठक से पहले ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस जैसे देशों ने फिलिस्तीन को एक अलग देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी, जिसके बाद पश्चिमी देशों में बहस छोड़ जिससे इस मुद्दे पर पश्चिमी देशों में बहस छिड़ गई लेकिन इटली, यूरोपीय संघ के उन देशों में शामिल है जिन्होंने अब तक फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है.
इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी दक्षिणपंथी विचारधारा वाली Brothers of Italy पार्टी से हैं और वे इजराइल समर्थक रुख रखती हैं. इससे नाराज उनके वामपंथी राजनितिक विरोधियों ने देश में कई जगहों पर प्रदर्शन और तोड़ फोड़ किया है.
मिलान में प्रदर्शनकारी भड़क गए, एक समूह ने केंद्रीय रेलवे स्टेशन पर धावा बोल दिया और प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए. प्रदर्शनकारियों द्वारा खिड़कियां तोड़ने, बम फेंके तो पुलिस अधिकारियों ने आंसू गैस और मिर्च के स्प्रे का इस्तेमाल किया. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, एक अमेरिकी झंडे को भी आग लगा दी गई. इटली के कई यूनियन भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने फिलिस्तीनी झंडे लहराए और “फिलिस्तीन को आजाद करो!” जैसे नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इटली को आज बंद कर देना चाहिए. इटली बातें तो करता है लेकिन कुछ नहीं करता. वहीं प्रदर्शन को लेकर मेलोनी ने एक्स पर लिखा, “हिंसा और विनाश का एकजुटता से कोई लेना-देना नहीं है और इससे गाजा के लोगों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आएगा. एक सर्वे में सामने आया कि लगभग 64 प्रतिशत इटली के लोग गाजा की स्थिति को बहुत गंभीर मानते हैं, जबकि 41 प्रतिशत लोग फिलिस्तीन को राज्य को मान्यता देने के पक्ष में हैं.
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