
इन्दौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की उपस्थिति में आज होने जा रही इंदौर के विकास की बैठक में सबसे अहम मामला बंगाली चौराहा से पलासिया चौराहा तक मेट्रो ट्रेन को अंडरग्राउंड करने का है। यदि आज इस रूट पर ट्रेन पर अंडरग्राउंड करने का फैसला हो जाता है तो इस रूट पर काम शुरू होने में कम से कम 1 साल का समय लगेगा।
इंदौर का मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट बंगाली चौराहा से पलासिया चौराहा के बीच में जो निर्माण मेट्रो ट्रेन में बाधक बन रहे हैं उसके कारण अटक गया है। इस बाधा को दूर करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही थी। जब यह दिख गया कि आप कोई रास्ता नहीं है तो फिर पिछले दिनों प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे की उपस्थिति में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के द्वारा ली गई बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया था कि बंगाली चौराहा से पलासिया चौराहे तक मेट्रो ट्रेन को अंडरग्राउंड कर दिया जाए।
इस फैसले का क्रियान्वयन करने पर 900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आ रहा है इस खर्च को कम करने के लिए पत्रकार कॉलोनी चौराहा और छोटा गणपति पर पूर्व से प्रस्तावित स्टेशन को खत्म करने का फैसला लिया गया है। यह दो स्टेशन हटा दिए जाने से ही पूर्व के प्रोजेक्ट में 700 करोड़ रुपए की लागत कम हो जाती है। अब आज इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर फैसला हो सके इस मकसद से इस बैठक में मेट्रो रेल कंपनी के प्रबंध संचालक चैतन्य भी आ रहे हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष सारी स्थिति को रखते हुए फैसला लिया जाएगा।
यदि आज मेट्रो ट्रेन के इस रूट को अंडरग्राउंड करने का फैसला ले लिया जाता है तो इस फैसले का क्रियान्वयन शुरू करने में मेट्रो ट्रेन कंपनी को कम से कम 1 साल का वक्त लगेगा। रेल कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में मौजूद कांटेक्ट को समाप्त करने फिर नया प्रोजेक्ट तैयार करने उसे प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने और उसके लिए निविदा तैयार करने और एजेंसी को फाइनल करने जैसा पूरा काम करना पड़ेगा। यह रूट 4 किलोमीटर का है ऐसे में इसका टेंडर 1600 करोड़ रुपए का रहेगा, जिसमें कि सिविल कार्य ही 800 करोड़ रुपए का रहेगा। इंदौर में मेट्रो ट्रेन के संचालक को गति देने के मकसद से आज की बैठक में लिया जाने वाला फैसला महत्वपूर्ण रहेगा। अब सभी की नजर इस बैठक और इसमें होने वाले फैसले पर लगी है।
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