
नई दिल्ली। महाराष्ट्र(Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार(Deputy Chief Minister Ajit Pawar) गुरुवार को मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश(heavy rain) और बाढ़ से प्रभावित किसानों(affected farmers) से मिलने पहुंचे। इस दौरान, जब एक किसान ने सरकार से कृषि लोन माफी की मांग उठाई, तो पवार का गुस्सा फूट पड़ा। पवार बीड और आसपास के जिलों का दौरा करने पहुंचे थे, जहां इस हफ्ते हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने फसलों को चौपट कर दिया और कई घरों को भी नुकसान पहुंचाया।
दौरे के दौरान जब एक किसान ने सरकार से कर्जमाफी को लेकर सवाल किया, तो पवार ने झुंझलाते हुए जवाब दिया, “इन्हें ही मुख्यमंत्री बना दो।” हालांकि तुरंत बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वे राजनीति नहीं करना चाहते और हमेशा सच बोलते हैं। उन्होंने कहा, “जहां भी जरूरत होती है, सरकार मदद करती है। हम ‘लाडकी बहिन’ योजना, बिजली बिल माफी, संजय गांधी निराधार योजना जैसी योजनाओं से लोगों को सहारा दे रहे हैं। सरकार आम आदमी की मदद कर रही है।”
इससे पहले विपक्षी दलों ने राज्य सरकार से मराठवाड़ा में “गीला सूखा” घोषित करने और प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की थी। विपक्ष ने यह भी कहा कि सरकार को पंजाब जैसे राज्यों की तर्ज पर किसानों के लिए कर्ज़माफी की घोषणा करनी चाहिए। पवार ने हालांकि साफ किया कि राज्य सरकार केंद्र से मदद लेने के लिए पहल करेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को औपचारिक पत्र भेजा जाएगा, ताकि प्रभावित किसानों को राहत दिलाई जा सके।
मराठवाड़ा क्षेत्र में बाढ़ और बारिश के चलते बड़ी संख्या में फसलें बर्बाद हुई हैं। पवार ने दौरे के दौरान खेतों, गांवों और क्षतिग्रस्त ढांचों का निरीक्षण किया और प्रशासन से नुकसान का आकलन करने को कहा। फिलहाल, सरकार ने सीधे तौर पर कर्जमाफी पर कोई आश्वासन नहीं दिया है, लेकिन पवार के दौरे और बयानों से यह साफ है कि प्रशासन मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं के जरिए राहत देने पर ज़ोर दे रहा है।
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