
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले (Balaghat district) में 14 लाख रुपए के इनामी महिला नक्सली (Female Naxalite Reward Rs 14 lakh) ने सरेंडर कर दिया। सुनीता नाम की यह नक्सली प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति की सदस्य थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से 14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सीएम मोहन यादव ने इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलियों को दी गई कड़ी चेतावनी का असर बताया।
एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि मध्य प्रदेश के बालाघाट में 14 लाख रुपए के इनामी महिला नक्सली ने सरेंडर कर दिया है। होंने बताया कि सुनीता ने एक नवंबर को मध्य प्रदेश पुलिस की विशेष नक्सल विरोधी इकाई हॉक फोर्स के सहायक कमांडर रूपेंद्र धुर्वे के सामने सरेंडर किया।
अधिकारी ने बताया कि सुनीता प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति की सदस्य और एनएमसी जोन प्रभारी रामदेर की बॉडीगार्ड थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से 14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर तहसील के भैरमगढ़ स्थित गोमवेटा की रहने वाली है।
उन्होंने बताया कि इंसास राइफल रखने वाली सुनीता मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के गोंदिया और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सक्रिय थी। अधिकारी ने बताया कि वह 2022 से प्रतिबंधित आंदोलन से जुड़ी थी और पड़ोसी छत्तीसगढ़ के मढ़ इलाके में प्रशिक्षण ले रही थी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में उसके सरेंडर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उग्रवादियों को दी गई कड़ी चेतावनी का सकारात्मक परिणाम बताया। शाह ने कहा था कि नक्सली या तो सरेंडर करें या कार्रवाई का सामना करें।
सीएम यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के तहत किसी भी नक्सली का यह पहला आत्मसमर्पण है। 1992 के बाद यह पहली बार है जब किसी दूसरे राज्य के नक्सली ने मध्य प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 10 महीनों में मध्य प्रदेश में कुल 1.46 करोड़ रुपए के इनामी नक्सलियों का सफाया किया गया है।
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