देहरादून। जाको राखे साइयां मार सके न कोय… यह कहावत पौंसारी गांव (Paunsari village) में आई प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के वक्त एक बार फिर चरितार्थ हुई। भारी बारिश (Heavy rain) के कारण मलबा आने से खाईजर निवासी 14 वर्षीय पवन मकान और गोशाला के साथ बह गया था। थोड़ी देर बहने के बाद वह एक बकरे के साथ छटककर रिंगाल की झाड़ी में फंस गया। रातभर दोनों उसी झाड़ी में अटके रहे। अगले दिन सुबह गांव के देवराम ने उसे देखा और झाड़ी से बाहर निकाला। रातभर युवक के साथ रही बकरी सुबह ग्रामीणों के आने पर डर गई और नदी में कूद गई और बह गई। पवन को जिला अस्पताल भर्ती किया है।
कपकोट तहसील के पौंसारी गांव के खाईजर में गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे अतिवृष्टि के चलते रमेश जोशी और पूरन जोशी का मकान बह गया। अब वहां मकानों का नामोनिशान तक नहीं है। आफत बनकर बरसी बारिश ने रमेश जोशी के खुशहाल परिवार को उजाड़ डाला है। आपदा में रमेश जोशी की पत्नी की मौत हो गई। जबकि उनका एक पुत्र सुमित लापता है। दूसरा पुत्र पवन मलबे में बह गया था जिसकी किसी तरह जान बच गई। वह बकरियों के झुंड के साथ मबले में बहकर 100 मीटर दूर तक गया। यहां से वह एक बकरी के साथ छिटककर रिंगाल की झाड़ी में गिर गया और रात भर वहीं फंसा रहा। बकरी के साथ चिपककर उसने पूरी रात गुजारी।
रमेश जोशी के तीन पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र गणेश दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है। गुरुवार रात घटना की सूचना मिलने के बाद वह घर के लिए रवाना हो गया। अब वही पवन का सहारा बनेगा। रमेश पशुपालन के साथ यजमानी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। अब परिवार की पूरी जिम्मेदारी गणेश पर आ गई है।
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