
नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में बढ़ते वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने के लिए सरकार (Goverment) ने एक अहम कदम उठाया है। 1 नवंबर से राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले व्यावसायिक वाहनों (कCommercial Vehicles) का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Air Quality Management Commission) ने शुक्रवार को यह फैसला लिया और आदेश दिया कि सभी बॉर्डर पॉइंट्स (Border Points) पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई गाड़ी नियम तोड़कर न घुसे।
सीएक्यूएम की 25वीं बैठक में यह तय किया गया कि अब दिल्ली में सिर्फ BS-VI, CNG, LNG या इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही माल ढोने के लिए प्रवेश कर पाएंगी। हालांकि, दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV श्रेणी की हल्की, मझोली और भारी गाड़ियां को थोड़ी राहत दी गई है। उन्हें 31 अक्तूबर 2026 तक अस्थायी रूप से चलने की अनुमति दी जाएगी।
सीएक्यूएम ने यह भी कहा कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को हटाने वाले अपने पुराने आदेश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद किया गया है जिसमें अदालत ने इन गाड़ियों के मालिकों पर जबरदस्ती कार्रवाई रोकने के आदेश दिए हैं। बैठक में आयोग ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों के विंटर एक्शन प्लान की भी समीक्षा की। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को आदेश दिया गया है कि वे फसलों के अवशेष के प्रबंधन को और सख्ती से लागू करें और निगरानी बढ़ाएं ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया गया है कि वे 14 से 25 अक्तूबर के बीच वायु गुणवत्ता पर नजर रखें। इसके साथ ही उन इलाकों से रेत और पानी के सैंपल भी लिए जाएंगे जहां पटाखों का अधिक उपयोग होता है। सभी एजेंसियों को कहा गया है कि वे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों की लगातार समीक्षा करें। और उन्हें सख्ती से लागू करें ताकि सर्दियों में दिल्ली की हवा और जहरीली न बने।
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