
ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब नहीं होंगे गुपचुप बाल विवाह, हर घर में एक काउंसलर किया तैयार
इन्दौर। महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) में बाल विवाह (Child marriage) रोकने के लिए हर घर में एक काउंसलर (Counselor) और प्रहरी तैयार कर दिया है। ढाई हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को अब तक प्रतिदिन चार से ज्यादा सत्रों में बाल विवाह निरोधी अभियान में शामिल कर लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुपचुप तरीके से होने वाले बाल विवाह पर अब न केवल बारीकी से नजर रहेगी, बल्कि उसे रोकने के लिए हर घर का प्रहरी सामने आएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने आयोग के निर्देश पर इंदौर जिले में बाल विवाह रोकने के लिए एक बड़ी मुहिम छेड़ रखी है। इसके बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं। लगभग ढाई हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए प्रहरी की तरह काम करने की शपथ ले चुके हैं। इन छात्र-छात्राओं ने ठान लिया है कि न तो वह खुद बाल विवाह करेंगे, बल्कि उनके आसपास होने वाले बाल विवाह को भी रोकेंगे। 12 से ज्यादा स्कूलों में अब तक आयोजित की गई कार्यशाला में ढाई हजार से अधिक बच्चे इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। हर दिन चार स्कूलों में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
बाल विवाह में शामिल होना अपराधी बना सकता है
कल देर शाम आयोजित हुई कार्यशाला में ब्रह्मलीन लक्ष्मणसिंह गौड़ शासकीय मालव कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमरोल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाहमुक्त भारत अभियान के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाल विवाह विरोधी उडऩदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक ने कहा कि विवाह में शामिल होकर एक लिफाफा देकर बाल विवाह के साक्षी बनना आपको अपराधी बना सकता है। उन्होंने विद्यालय की बालिकाओं को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए प्रमुख धाराओं के बारे में बताया। उपस्थित विद्यालय स्टाफ और बालिकाओं को बाल विवाह में शामिल नहीं होने की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य जगदीशप्रसाद अग्निहोत्री, विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी भगवानदास साहू, उडऩदस्ता सदस्य देवेंद्रकुमार पाठक और शैलेष शर्मा भी उपस्थित थे। इसी तरह कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजलपुर एवं बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजलपुर, बालक एवं बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राऊ सहित 12 स्कूलों में कार्यशाला का आयोजन कर बालक-बालिकाओं को जानकारी देने के साथ ही बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलाई गई।
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