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कागजों में एक शख्स की 3 बार मौत, 3 महिलाएं लेती रहीं विधवा पेंशन

October 18, 2025

बरेली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली जिले (Bareilly District) के नवाबगंज क्षेत्र के मजनूपुर गांव में विधवा महिला पेंशन योजना (Widow Women Pension Scheme) में बड़ा फर्जीवाड़ा (Fraud) सामने आया है. यहां अच्छन खां नाम के व्यक्ति को तीन अलग-अलग तारीखों में मृत दिखाकर उसके नाम से तीन फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) तैयार कर लिए गए. इन्हीं प्रमाणपत्रों के सहारे तीन अलग-अलग बैंक खातों (Bank Account) में विधवा पेंशन भेजी जा रही थी. जांच में खुलासा हुआ है कि यह पूरा खेल फर्जी दस्तावेजों के जरिए चलाया जा रहा था. मामला खुलने के बाद हड़कम मचा हुआ है.

दरअसल, सीडीओ के निर्देश पर एडीओ पंचायत मनीष अग्रवाल ने जब जांच शुरू की, तो हैरान कर देने वाली बातें सामने आईं. जांच में पता चला कि वर्ष 2019 में मजनूपुर गांव के अच्छन खां नाम के व्यक्ति के नाम से एक नहीं बल्कि तीन-तीन मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए थे. पहला प्रमाणपत्र 15 मार्च 2019 को जारी हुआ, जिसमें मृत्यु की तारीख 10 मार्च लिखी गई. दूसरा प्रमाणपत्र 27 मार्च को बना, जिसमें 18 मार्च को मृत्यु बताई गई. तीसरा प्रमाणपत्र 30 मार्च को जारी हुआ, जिसमें मौत की तारीख 25 मार्च दर्ज थी.


तीनों प्रमाणपत्रों की जांच करने पर सामने आया कि ये सभी ऑफलाइन तरीके से बनाए गए थे, जबकि उस समय ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था लागू थी. एडीओ पंचायत मनीष अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा कि 2019 में ऑफलाइन मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का कोई नियम नहीं था. इसीलिए यह साफ है कि अच्छन खां के नाम से बने तीनों प्रमाणपत्र फर्जी हैं.

जब मजनूपुर ग्राम पंचायत के प्रधान शकील से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने भी हैरानी जताई. प्रधान ने बताया कि उनके गांव में अच्छन खां नाम का कोई व्यक्ति रहता ही नहीं है. उन्होंने कहा, हमारे यहां इस नाम का कोई आदमी नहीं है. ये पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है. किसी ने पेंशन के नाम पर विभाग को ठगा है. वहीं, इस मामले में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी शिप्रा सिंह से भी पूछताछ की गई. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने अच्छन खां नाम से कोई भी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं किया, न ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन. इससे यह साबित हो गया कि प्रमाणपत्र किसी और ने गलत तरीके से बनवाए हैं.

जिला महिला कल्याण विभाग ने अब इस गड़बड़ी की पूरी रिपोर्ट डीपीआरओ को भेज दी है. डीपीआरओ ने जिला महिला कल्याण अधिकारी से कहा है कि वह यह पता करें कि किसने इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके विधवा महिला पेंशन योजना का लाभ उठाया. दोषियों के नाम और पते भी मांगे गए हैं ताकि कार्रवाई की जा सके.

विधवा महिला पेंशन योजना का उद्देश्य उन महिलाओं की मदद करना है जिनके पति का निधन हो चुका है और जिनका कोई सहारा नहीं है. लेकिन फर्जीवाड़े की वजह से असली हकदारों को पेंशन नहीं मिल पा रही, जबकि अपात्र लोग इसका फायदा उठा रहे हैं. सीडीओ कार्यालय ने साफ कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. जिन्होंने भी फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने या पेंशन जारी कराने में भूमिका निभाई है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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