
मुरैना: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) में पुलिस (Police) ने भ्रूण लिंग जांच (Fetal Sex Determination) करने वाले सरकारी स्कूल (Government Schools) के चपरासी (Peon) को गिरफ्तार किया. महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) और पुलिस ने संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस दौरान डब्ल्यूसीडी की सुपरवाइजर को गर्भवती बनाकर जांच के लिए भेजा गया था, जैसे ही उसने जांच की प्रक्रिया शुरू की तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया. आरोपी के साथ पूरे कांड में शामिल दलाल फरार हो गया.
मुरैना में शुक्रवार को पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. पुलिस ने प्रेमनगर इलाके में एक अवैध भ्रूण लिंग जांच सेंटर का भंडाफोड़ किया है. इस दौरान पुलिस ने सरकारी स्कूल के चपरासी को गिरफ्तार किया है, जो कि पैसों के लिए लिंग जांच करता था. इस काम में एक दलाल भी शामिल था. वह अभी फरार बताया जा रहा है. पुलिस ने इस कार्रवाई को डब्ल्यूसीडी के साथ मिलकर अंजाम दिया.
डब्ल्यूसीडी की सुपरवाइजर ने आरोपी से संपर्क साधते हुए भ्रूण लिंग जांच कराने के लिए कहा. उसने महिला को 7 हजार लेकर सोलंकी पेट्रोल पंप पर बुलाया. वहां से वह महिला को स्कूटी से 300 मीटर दूर ममता कुशवाह नाम की महिला के घर ले गया. वह महिला के पेट में जैल लगाकर अल्ट्रासाउंड ही वाला था कि इसी बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस ने मौके से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, जेल, दो बाइक, 7 हजार रुपये और दो मोबाइल फोन जब्त किए हैं.
यह घटना मुरैना में प्रसव रजिस्ट्रेशन और उनकी डिलीवरी में भारी अंतर से जुड़ी है. जांच टीम के सदस्य और ग्वालियर सिविल अस्पताल की मेडिसिन विशेषज्ञ बिंदु सिंघल ने बताया कि मोबाइल और पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से 50 से ज्यादा महिलाओं के भ्रूण लिंग जांच के सबूत मिले हैं. आरोपी ने प्रत्येक महिला से इसके लिए 7 से 10 हजार रुपये लिए थे. पुलिस अब आरोपी से इस मामले में जुड़े अन्य सवालों को लेकर पूछताछ कर रही है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved